एकीकृत चिकित्सा पद्धति कई बीमारियों के उपचार में प्रभावी : डॉ.एचआर नागेंद्र
- प्रधानमंत्री मोदी के पूर्व सलाहाकार रहे पद्मश्री डॉ.एचआर नागेंद्र पहुंचे स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय जौलीग्रांट।
- डॉ.एचआर नागेंद्र “एकीकृत चिकित्सा” विषय पर दिया व्याख्यान, छात्र-छात्राओं सहित फैकल्टी ने किया प्रतिभाग।
- अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय जौलीग्रांट में विभिन्न कार्यक्रमों का होगा आयोजन।
डोईवाला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पूर्व सलाहाकार रहे पद्मश्री स्वामी विवेकानंद योग अनुसंधान संस्थान के कुलाधिपति डॉ.एचआर नागेंद्र आज (गुरुवार) स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (SRHU) जौलीग्रांट पहुंचे।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों के तहत डॉ.एचआर नागेंद्र का विशेष लेक्चर आयोजित किया गया। डॉ.नागेंद्र ने कहा कि एकीकृत चिकित्सा पद्धति कई बिमारियों के उपचार में प्रभावी है।
SRHU के रिसर्च सेल की ओर से आदि-कैलाश सभागार में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ संस्थापक डॉ.स्वामी राम के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।
SRHU के कुलपति डॉ.राजेंद्र डोभाल व निदेशक अकादमिक (शैक्षणिक विकास) ने पद्मश्री डॉ.एचआर नागेंद्र को शॉल ओढ़ाकर व स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया।
डॉ. नागेंद्र ने कहा कि एकीकृत चिकित्सा की जननी होने के बावजूद आज पश्चिमी चिकित्सा संस्थानों में योग और आयुर्वेद को आधुनिक चिकित्सा पद्वति के साथ मिलाकर एकीकृत किया जा रहा है।
वहीं भारत में अभी ऐसा केवल कुछ ही मेडिकल संस्थानों में हो रहा है। उन्होंने अपने शोध अनुभव साझा किये कि कैसे एकीकृत चिकित्सा से एक शोध के दौरान 2.5 लाख लोगों में मधुमेह के लक्षणों की काफी कमी आ गई।
फलस्वरूप उस शोध के माध्यम से 48 शोध पत्र देश विदेश के प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए। उन्होंने बताया कि एकीकृत चिकित्सा के माध्यम से वे भविष्य में हाइपरटेंसन और युवाओं में नशीली दवाओं के उपयोग से निपटना के क्षेत्र में काम करेंगे।
SRHU के कुलपति डॉ.राजेंद्र डोभाल ने कहा कि हमारा दैनिक जीवन आयुर्वेद से प्रभावित है और उन्होंने इसके उपयोग को बढ़ाने की वकालत भी की।
PGI चंडीगढ़ के न्यूरोसर्जन डॉ. अक्षय आनंद ने अपने सम्बोधन में एसआरएचयू से एकीकृत चिकित्सा को बढ़ावा देने का भी आग्रह किया।
डॉ. विजेंद्र चौहान ने डॉ. नागेंद्र के प्रति अपना धन्यवाद और प्रेरणा व्यक्त करते हुए बताया कि एकीकृत चिकित्सा ही बदलते समय की मांग हैं।
कार्यक्रम के संचालन में डॉयरेक्टर रिसर्च डॉ. बिंदू डे व डॉ. निक्कू यादव ने सहयोग दिया। इस दौरान डॉ.अक्षय आनंद, डॉ.प्रकाश केशवया, डॉ.सुनील सैनी आदि मौजूद रहे।