हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट में तंबाकू उपयोग के नियंत्रण पर मंथन
डोईवाला। हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट में आम जनमानस में तम्बाकू के बढ़ते उपयोग और इससे होने वाली घातक बीमारी को लेकर मंथन किया गया। इसमें विशेषज्ञों ने तंबाकू जनित रोग व व्यापक स्तर पर जन जागरूकता अभियान चलाने की बात कही।
हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (हिंसा3) के कम्यूनिटी मेडिसिन विभाग व कैंसर रिसर्च इंस्टीट्यूट (CRI) के संयुक्त तत्वावधान में कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान CRI निदेशक डॉ. सुनील सैनी ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 2008 में छह सबसे महत्वपूर्ण प्रभावी तंबाकू नियंत्रण विधियां बताई हैं।
इसमें तंबाकू के उपयोग और रोकथाम नीतियों की निगरानी करना, लोगों को तंबाकू के धुएँ से बचाना, धूम्रपान छोड़ने के लिये सहायता प्रदान करना, तंबाकू के खतरों के बारे में चेतावनी देना, तंबाकू के विज्ञापन, प्रचार और प्रायोजन पर प्रतिबंध लगाना, तंबाकू पर कर बढ़ाना शामिल है।
प्रेम तनेजा व डॉ. अग्रवाल ने युवा पीढ़ी में तंबाकू सेवन के बढ़ते चन पर चिंता जतायी। उन्होंने कहा कि युवाओं को तंबाकू नियंत्रण अभियान में शामिल किया जाये।
बालाजी सेवा संस्थान की निदेशक ममता थापा ने तंबाकू विपणन और बिक्री पर सख्त नियमों की वकालत करने, धूम्रपान मुक्त वातावरण को बढ़ावा देने और युवओं को तंबाकू के उपयोग के नुकसान के बारे में शिक्षित करने की बात कही।
कम्यूनिटी मेडिसिन की डॉ. शैली व्यास ने बताया कि अस्पताल की ओर से निकोटीन रिप्लेसमेंट थेरेपी, हिमालयन हॉस्पिटल में उपलब्ध व्यवहार परामर्श कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है। इसके अलावा ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में निरंतर जागरूकता शिविर आयोजित किया जाता है।
इस अवसर पर निदेशक (अस्पताल सेवा) डॉ. हेमचंद पाण्डे, डॉ. आरएस सैनी, डॉ. अभय श्रीवास्तव, डॉ. नेहा शर्मा, डॉ. विपुल नौटियाल, डॉ. अभिषेक कंडवाल आदि सहित विभिन्न विभागों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।