DBUU में बिखरेगा संस्कृति और विज्ञान का जलवा। मशहूर गायिका श्रेया घोषाल का चलेगा जादू
- ‘नवधारा’ नेशनल टेक्नो फेस्ट में मुख्य अतिथि होंगे उत्तराखंड के राज्यपाल।
- हायर एजुकेशन कॉन्क्लेव में शिक्षा जगत की हस्तियां होंगी शामिलम
देहरादून। देवभूमि में संस्कृति और विज्ञान का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा। मौका होगा देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी में आयोजित होने वाले ‘नवधारा’ नेशनल टेक्नो फेस्ट एंड हायर एजुकेशन कॉन्क्लेव और ‘पिनाक’ कल्चरल फेस्ट का, जिसमें एक ओर जहां बॉलीवुड की मशहूर गायिका श्रेया घोषाल ‘पिनाक’ में अपनी मखमली आवाज़ का जादू बिखेरेंगी तो वहीं दूसरी ओर देशभर के छात्र वर्किंग मॉडल्स के ज़रिये ‘नवधारा’ टेक्नो फेस्ट में अपने तकनीकी पहलू का लोहा मनवाएंगे।
मांडूवाला स्थित देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी में आगामी 22 अप्रैल से दो दिवसीय ‘नवधारा’ नेशनल टेक्नो फेस्ट एंड हायर एजुकेशन कॉन्क्लेव का आयोजन होने जा रहा है, जिसके उदघाटन अवसर पर उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत करेंगे।
इसके अलावा उत्तराखंड सहित देशभर के विभिन्न विश्वविद्यालयों और संस्थानों के कुलाधिपति, कुलपति और शिक्षा जगत के कई गणमान्य व्यक्ति राष्ट्रीय सम्मलेन में सम्मिलित होंगे।
सम्मलेन के दौरान छात्रों में तकनीकी कौशल और नयी खोज को बढ़ावा देने सहित उद्योगपरक शिक्षा को शामिल करने पर विचार विमर्श किया जायेगा।
‘नवधारा’ में विभिन्न विश्वविद्यालयों के लगभग 120 से ज़्यादा वर्किंग मॉडल्स प्रदर्शित किये जाएंगे, जिसमें लगभग 60 प्रोजेक्ट्स देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी के छात्रों द्वारा तैयार किये गए हैं।
वहीं, 24 अप्रैल से 27 अप्रैल तक ‘पिनाक’ कल्चरल फेस्ट का आयोजन होगा, जिसमें 27 अप्रैल को सेलिब्रिटी नाईट में बॉलीवुड की मशहूर गायिका श्रेया घोषाल अपनी दिलकश आवाज़ का जलवा बिखेरेंगी।
वहीं, 24 अप्रैल को कल्चरल नाईट में विश्वविद्यालय के छात्र विभिन्न रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे, जिसमें मिस्टर और मिस पिनाक भी चुने जाएंगे।
25 अप्रैल की शाम डीजे नाइट का जलवा होगा, जबकि 26 अप्रैल को फेयरवेल ‘दसविदानिया’ का आयोजन किया जाएगा। संस्कृति और विज्ञान के अद्भुत संगम का सभी छात्रों को बेसब्री से इंतज़ार है, जिसकी तैयारियां ज़ोरशोर से चल रही हैं।
विश्वविद्यालय कुलपति प्रोफ़ेसर डॉ प्रीति कोठियाल ने कहा कि, हमारा उद्देश्य छात्रों के शैक्षिक पहलू को उजागर करने के साथ ही सांस्कृतिक पक्ष को भी प्रस्तुत करना है ताकि छात्रों का समग्र विकास संभव हो सके। साथ ही विज्ञान कॉन्क्लेव के ज़रिये शिक्षा विशेषज्ञों की देखरेख में नयी शिक्षा नीति पर मंथन किया जाएगा।