6 लाख 42 हजार लीटर पेट्रोल चोरी। सरकारी खजाने को 5.82 करोड़ का नुकसान
देश के प्रत्येक पेट्रोल पंपों पर अपनी गाड़ी की टंकी को फुल कराने के लिए हर महीने हजारों रुपए खर्च किए जाते हैं। पेट्रोल भरने के लिए मध्यम वर्गीय परिवार अलग से बजट भी बनाते हैं। इसी बीच एक ऐसा मामला है।
जहां भारत का 6 लाख 42000 लीटर पेट्रोल चुरा लिया गया है और इसके बाद हिंदुस्तान पैट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड को भी इसके बारे में पता नहीं चला। जब तक इस मामले का खुलासा हुआ देश को मोटा चूना लग चुका था। अब इस मामले में CBI भी एक्शन में आ गई है।
CBI ने जून 2022 से जनवरी 2024 तक 642 किलो लीटर यानी 642000 लीटर चोरी करने के आरोप में हिंदुस्तान पैट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड के दो सहायक प्रबंधक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि HPCL के मथुरा टर्मिनल पर तैनात सहायक प्रबंधक राहुल कुमार व हेमंत सिंह और एसआर परिवहन कंपनी तथा जादोन परिवहन कंपनी के दो निजी ट्रांसपोर्टरों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।
HPCL की मथुरा यूनिट से हुई चोरी
CBI ने उत्तर प्रदेश के आगरा और मथुरा में आरोपियों के परिसरों पर तलाशी अभियान भी शुरू की। इस दौरान दो सहायक प्रबंधकों के पास से लगभग 12 लाख रुपए की नगदी संपत्ति के दस्तावेज और अन्य दस्तावेज भी जप्त किए गए।
CBI ने HPCL के मुख्य अधिकारी की एक शिकायत पर ये कार्रवाई की। शिकायत में यह कहा गया कि ट्रांसपोर्टरों के साथ एक साजिश रची गई है।
सरकारी खजाने को 5.82 करोड़ का नुकसान
दावा किया जा रहा है कि मथुरा टर्मिनल से पेट्रोलियम उत्पादों की चोरी हुई और सरकारी खजाने को 5.82 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ जबकि आरोपी परिवहन कंपनियों का फायदा हुआ।
CBI ने एक बयान में कहा, आरोप है कि उक्त साजिश को आगे बढ़ाने में, दोनों आरोपी सहायक प्रबंधकों ने 305 बार आरोपी निजी परिवहन कंपनियों के टैंक ट्रकों में लगभग 642 किलो लीटर पेट्रोलियम उत्पादों की अतिरिक्त लोडिंग की अनुमति दी।