UKSSSC ने कर्मशाला अनुदेशक भर्ती से संबंधित जारी की नई अपडेट। पढ़ें
UKSSSC LATEST UPDATE: सोशल मीडिया में वायरल एक वीडियो का आयोग द्वारा संज्ञान लिया गया है, जिसमें यह आरोप लगाया गया है कि कर्मशाला भर्ती में कतिपय अभ्यर्थियों द्वारा फर्जी प्रमाण पत्र लगाए गए जिनकी शिकायत आयोग से की गई।
परन्तु आयोग द्वारा इस पर कोई कार्यवाही नहीं की गई। आयोग स्पष्ट कर देना चाहता है कि उपरोक्त तथ्य सत्यता से परे हैं और इस प्रकरण से संबंधित तथ्यों को सामने रखना चाहता है।
1- जब यह तथ्य आयोग के संज्ञान में आया कि कतिपय अभ्यर्थियों द्वारा फर्जी प्रमाण पत्र लगाए गए हैं तो मा० अध्यक्ष जी के निर्देशों के क्रम में इन प्रमाण पत्रों की जाँच राज्य अभिसूचना इकाई से कराई गई एवं आयोग स्तर पर एक जाँच कमेटी का भी गठन किया गया।
उक्त दोनों कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर जिन अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्र सही नहीं पाए गए उन्हें परिणाम सूची से बाहर कर नया परिणाम जारी किया गया।
2-संशोधित परिणाम पर भी कुछ अभ्यर्थियों के खिलाफ शिकायतें आयोग को विभिन्न स्रोतों से प्राप्त हुई। उक्त शिकायतों का आयोग द्वारा संज्ञान लिया गया और इसके आधार पर 14 अभ्यर्थियों का परिणाम रोक कर उनके प्रमाण पत्रों की जाँच के लिए एक तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया जिसमें आयोग के अतिरिक्त तकनीकी शिक्षा एवं उद्योग विभाग के प्रतिनिधियों को शामिल किया गया है।
आयोग का मत इस बात पर स्थिर है कि जिन अभ्यर्थियों द्वारा सही प्रमाण पत्र प्रस्तुत किए गए उनके परिणाम को रोकना उनके साथ अन्याय होगा इसलिए ऐसे अभ्यर्थियों की संस्तुति विभाग को भेजी जा चुकी है। जिन अभ्यर्थियों के खिलाफ शिकायत प्राप्त हुई है, उनका परिणाम जांच पूरी होने तक रोका गया है।
यह भी स्पष्ट करना है कि आयोग के द्वारा प्रेषित की गई संस्तुति के पश्चात भी नियोक्ता विभाग द्वारा अपने स्तर पर प्रमाण पत्रों की जाँच की जाती है। चूंकि विभाग के पास इन कार्यों का वृहद अनुभव एवं संसाधन हैं। उक्त जाँच के पश्चात ही किसी भी अभ्यर्थी का अभ्यर्थन अंतिम माना जाएगा।
उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग भर्ती परीक्षाओं में शुचिता, पारदर्शिता एवं निष्पक्षता के लिए प्रतिबद्ध है इसलिए अभ्यर्थियों से अपील है कि भ्रामक तथ्यों पर विचार न करें।
देखें विज्ञप्ति:-