दुष्कर्म पीड़िता ने कोर्ट परिसर में किया आत्महत्या का प्रयास। महिला आयोग ने लिया संज्ञान
हरिद्वार/रुड़की। तारीख़ के दौरान सुनवाई पर आयी दुष्कर्म पीड़िता युवती ने रामनगर स्थित कोर्ट परिसर में आत्महत्या का प्रयास किया।
पीड़िता को सिविल अस्पताल रुड़की में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। पीड़िता की कोर्ट में गर्भपात कराने को लेकर सुनवाई चल रही थी।
तारीख पर आई पीड़िता के इस कदम से परिजन भी सकते में हैं। जानकारी के मुताबिक भगवानपुर थाना क्षेत्र निवासी युवती ने 20 सितंबर 2023 को थाने में तहरीर देकर अपने प्रेमी पर दुष्कर्म सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था।
पुलिस ने बीती 9 नवंबर को तैय्यब नाम के आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। गंगनहर कोतवाली प्रभारी निरीक्षक अमरजीत सिंह ने बताया कि दुष्कर्म पीड़िता का एक मुकदमा कोर्ट में विचाराधीन है।
पीड़िता इस मामले में सुनवाई के लिए आई थी। इसी दौरान पीड़िता ने जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या का प्रयास किया। वहां मौजूद परिवार और अन्य लोगों की मदद से पीड़ित महिला को उपचार के लिए सिविल अस्पताल रुड़की में भर्ती कराया।
दुष्कर्म के बाद हुई थी गर्भवती
रोलाहेड़ी थाना भगवानपुर निवासी तैयब, उसके साथियों तौहिद, फजलू रहमान और सलमान के खिलाफ युवती ने मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले में पुलिस ने 18 नवंबर को आरोपी के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किए थे।
दुष्कर्म के बाद पीड़िता चार महीने की गर्भवती है। कुछ समय पहले पीड़िता ने गर्भपात करने के लिए कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया था, जिसकी कोर्ट में तारीख चल रही थी।
एसएसपी के निर्देश पर पुलिस ने 21 सितंबर 2023 को भगवानपुर थाने में तैय्यब के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज किया था। पुलिस ने नाै नवंबर को आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। पुलिस ने इस मामले में 18 नवंबर को आरोपी के खिलाफ कोर्ट में आरोप-पत्र भी दाखिल किया।
पीड़िता इस समय चार माह की गर्भवती है। उसने कुछ समय पहले गर्भपात कराने के लिए रुड़की के रामनगर स्थित प्रथम अपर सिविल जज जूनियर डिवीजन की कोर्ट में प्रार्थना-पत्र दिया था।
महिला आयोग ने लिया संज्ञान
रुड़की में दुष्कर्म पीड़िता के कोर्ट परिसर में जहरीला पदार्थ खाने की घटना का राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने संज्ञान लिया है। उन्होंने सिविल अस्पताल रुड़की में डॉक्टर वंदना भारद्वाज से बात की। जिन्होंने बताया कि अब पीड़िता खतरे से बाहर है।
आयोग अध्यक्ष कण्डवाल ने एसएचओ गंगनहर रुड़की से वार्ता करते हुए उक्त मामले में गंभीरता जांच के आदेश जांच और आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिये हैं।