उत्तराखंड में इन्फ्लूएंजा फ्लू की दस्तक। बागेश्वर में दो बच्चों में मिले लक्षण, जांच के लिए भेजे सैंपल
बागेश्वर। बुधवार को जिला अस्पताल में दो बच्चों को लाया गया था। उन्हें सांस लेने में तकलीफ थी। इन्फ्लूएंजा जैसे लक्षण की आशंका को देखते हुए दोनों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं।
चीन में फैले माइक्रो प्लाज्मा, निमोनिया और इन्फ्लूएंजा फ्लू को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है। जिले में दो बच्चों में इन्फ्लूएंजा फ्लू जैसे लक्षण दिखे हैं। दोनों के सैंपल जांच के लिए सुशीला तिवारी अस्पताल हल्द्वानी भेजे गए हैं।
एसीएमओ डॉ. देवेश चौहान ने बताया कि बुधवार को जिला अस्पताल में दो बच्चों को लाया गया था। उन्हें सांस लेने में तकलीफ थी। इन्फ्लूएंजा जैसे लक्षण की आशंका को देखते हुए दोनों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। जांच रिपोर्ट चार-पांच दिन में मिल जाएगी।
उन्होंने बताया कि इन्फ्लूएंजा से निपटने के लिए भी तैयारियां पूरी कर ली गईं हैं।इस वायरस जनित बीमारी में पांचवीं स्टेज में ऑक्सीजन की जरूरत होती है। जिला अस्पताल के सभी 68 बेड ऑक्सीजन पाइप लाइन से जुड़े हुए हैं।
जिला अस्पताल में 650 एलपीएम के दो ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट स्थापित हैं। कांडा और कपकोट सीएचसी में भी ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट लगे हुए हैं। जरूरत पड़ने पर जिला अस्पताल में अलग से आइसोलेशन वार्ड बनाया जाएगा। उसके बाद ही आईसोलेशन वार्ड बनाने की कार्यवाही की जाएगी।
अल्मोड़ा में भी अलर्ट मोड़ पर स्वास्थ्य विभाग
चीन में फैले इन्फ्लूएंजा फ्लू और न्यूमोनिया के बाद जिले में स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट मोड पर है। स्वास्थ्य महकमे के दावा है कि इन्फ्लूएंजा फ्लू से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। जरूरत पड़ने पर अलग से आईसीयू वार्ड भी बनाया जाएगा।
सीएमओ डॉ. आरसी पंत के अनुसार जिले में इन्फ्लूएंजा फ्लू का कोई मरीज अब तक नहीं आया है। इसके निपटने के लिए हमने पूरी तैयारी कर रखी है। आइसोलेशन बेड, वार्ड, ऑक्सीजन बेड, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन सिलिंडर पर्याप्त है। यदि जरूरत पड़ी तो अलग से आईसीयू वार्ड बनाया जाएगा