हाईकोर्ट ब्रेकिंग: पुलों के क्षतिग्रस्त होने की वजह अवैध खनन। जवाब तलब सरकार

पुलों के क्षतिग्रस्त होने की वजह अवैध खनन। जवाब तलब सरकार

नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने कोटद्वार के मालन, सुखरो और खो नदी के पुल, अवैध खनन की वजह से क्षतिग्रस्त होने के खिलाफ दायर जनहीत याचिका पर सुनवाई के बाद अवैध खनन पर रोक लगाते हुए सरकार से चार सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है।

मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खण्डपीठ ने न्यायालय से ये भी कहा है कि जितने पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं, उनकी मरम्मत करने के लिए प्लान बनाएं। मामले की अगली सुनवाई नवम्बर माह में होगी।

मामले के अनुसार पौड़ी गढ़वाल निवासी अक्षांश असवाल ने जनहित याचिका दायर कर कहा कि बरसात और अवैध खनन की वजह से कोटद्वार सहित पौड़ी गढ़वाल के कई पुल क्षतिग्रस्त हो गए है और इसमें कई लोगो की जान तक चली गयी है।

इनमें कोटद्वार के मालन, सुखरो और खो नदी मुख्य हैं। मालन नदी का पुल क्षतिग्रस्त होने के कारण कोटद्वार नगर का सम्पर्क कट गया है। जिसकी वजह से गढ़वाल क्षेत्र का सम्पर्क टूट चुका है।

सरकार ने मालन नदी का पुल वर्ष 2010 में 12 करोड़ 35 लाख रुपये की लागत से बनाया। ये पुल केवल 13 साल ही झेल सका। जाँच करने पर पुल टूटने का मुख्य कारण अवैध खनन बताया गया।

जब पुल टूटा उसके तीसरे ही दिन अवैध खनन शुरू हो गया। जनहित याचिका में न्यायालय से प्रार्थना की गई है कि टूटे हुए पुलों का शीघ्र निर्माण किए जाने के साथ साथ अन्य पुलों की मरम्मत भी की जाय। पुलों के नीचे अवैध खनन पर रोक लगाई जाय।