नियमों की धज्जियाँ उड़ाते खनन वाले डंपर
रिपोर्ट- दिलीप अरोरा
किच्छा। जिले के आला अधिकारी क्या दो चार गाड़ियों को अलग-अलग विधानसभाओं मे सीज करने मात्र से कार्यवाही को पूर्ण अम्लीजामा पहनाया जा सकता है।
हम बात कर रहे है किच्छा विधान सभा की, जहाँ पिछले एक वर्ष में हाइवे और सड़को पर कई लोग सड़क दुर्घटनाओ मे अपनी जान गंवा चुके है। ना जाने कितनी बहनो से उनके भाई छीन गए, कितनी महिलाओ के माथे का सिंदूर उजड़ गया और ना जाने कितनी मां ने अपने जिगर के टुकड़ो को खो दिया। लेकिन इन ओवर लोडिंग गाड़ियों का दौड़ना नहीं रुका।
दरअसल, पिछले काफ़ी समय से पूरे प्रदेश में खनन व खनन पर कार्यवाही चर्चाओ मे रही है। बावजूद इसके मानको के साथ खिलवाड़ करके खनन माफिया नदियों का सीना लगातार चिरते नजर आ रहे है।
ऐसा ही हाल आजकल किच्छा विधान सभा का है। जहाँ गोला नदी के अंदर व आस-पास जेसीबी से मानको के विरुद्ध लगातार उपखनिज निकाला जा रहा है और इसमें दर्जनों की संख्या मे डंपर का इस्तेमाल हो रहा है। यही नहीं यह डंपर भी नियमों की धज्जियाँ उड़ा रहे है और हाइवे पर तांडव करते नजर आते है।
नियमों की धज्जियाँ उड़ाते खनन वाले डंम्पर
किच्छा विधान सभा की सड़को पर उपखनिज से लदे दौड़ते हुए डंपर नियमों को जिस तरह ताक पर रख कर चल रहे उसको देख कर लगता है की मानो यह प्रशासन से कह रहे हो की हम से बढ़ कर कौन।
जी हैं यहां जो डंपर सड़को पर दौड़ रहे है उनमे से कुछ पर नंबर प्लेट तक नहीं है और कुछ ने इसकी बॉडी से भी छेड छाड़ कर रखी है और यह ओवर लोडिंग पर भी खूब खेल खेल रहे है यहां तक की उपखनिज बिना ढक कर ले जा रहे है, जिससे हादसे की आशंका बनी हुई है। इस पर कोई ठोस कार्यवाही अमल मे नहीं लायी जा रही है।इसको लेकर जनता मे भारी रोष भी है।
एक मामला इस महीने का है जहाँ बंगाली कॉलोनी निवासी एक व्यक्ति की डंपर की चपेट मे आने से मौत हो गई थी बाद मे उसके परिवार को 3 लाख रुपये देकर मामला शांत कराया गया था ऐसा चर्चाओ मे था। बावजूद इस पर पूर्ण ब्रेक नहीं लग पा रहा है।
पूर्व कप्तान बरिंदर जीत सिंह जैसी कार्यवाही की जरुरत
ओवर लोडिंग पर कार्यवाही कैसे होती है यह जिले के पूर्व कप्तान बरिंदर जीत सिंह की 2022 की कार्यवाही से जहाँ ओवर लोडिंग और अवैध खनन मे लिप्त लोगो का पूरा सम्राज्य ही हिल गया था।
ठीक वैसे ही एक कार्यवाही और बनती है पूर्व कप्तान ने किच्छा टोल पर कई दर्जन गाड़ियों को सीज कर दिया था जिसके बाद कई महीनों तक हाइवे पर ओवर लोड वाली गाड़िया नजर नहीं आयी। ऐसी कार्यवाही एक बार फिर बनती है।