प्राचीन दक्षेश्वर महादेव और नीलकंठ मंदिर में अब छोटे कपड़े पहनी महिलाओं को नहीं मिलेगा प्रवेश। अखाड़े ने की व्यवस्था लागू
रिपोर्ट- वंदना गुप्ता
हरिद्वार में विश्वप्रसिद्ध दक्ष प्रजापति मंदिर और ऋषिकेश के नीलकंठ मंदिर में अब छोटे वस्त्र पहन कर आने वाली युवतियों को प्रवेश नहीं मिलेगा। पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी से जुड़े इन दोनो मंदिरों में यह व्यवस्था तत्काल प्रभाव से लागू कर दी गई है।
इन मंदिरों में केवल उन्हीं युवतियों को प्रवेश दिया जाएगा जिनका शरीर 80 प्रतिशत ढका होगा। इसकी विधिवत रूप से घोषणा की गई है कि मंदिर में आते समय वस्त्रों का ध्यान रखा जाए
पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी का कहना है कि छोटे वस्त्र पहन कर मंदिरों में युवकों को प्रवेश नहीं दिया जाता यह पुरानी चली आ रही है।
दक्षिण भारत से लेकर मध्य भारत में यह देखने को मिला है क्योंकि आजकल समाज में जो प्रचलन चल रहा है उसपर सचेत रहने की आवश्यकता है इसलिए मेरे द्वारा श्रद्धालुओं से अपील की गई है।
जो माताएं बहनें और कन्याएं मंदिर आती हैं उनके वस्त्रों का पहनावा ठीक होना चाहिए कई बार मंदिर में छोटे कपड़े पहनकर आने वाली महिलाओं और कन्याओं को देखकर लोग असहज महसूस करते हैं, जिससे समाज में अच्छा संदेश नहीं जाता इसपर अंकुश लगना जरूरी है इसलिए हमारे द्वारा अपील की गई है की शरीर 80 प्रतिशत ढका होना चाहिए।
पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी द्वारा इस व्यवस्था को लागू करने का समर्थन संत समाज और कथा व्यास भी कर रहे हैं कथा व्यास मधुसूदन शास्त्री का कहना है कि, हरिद्वार दक्ष प्रजापति मंदिर और ऋषिकेश में नीलकंठ मंदिर में यह प्रस्ताव पारित कर दिया गया है की महिलाओं का 80 प्रतिशत शरीर ढका होने पर ही उन्हें मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा यह अच्छी व्यवस्था लागू की जा रही है।