जेल में बंद मनीष सिसोदिया के वायरल लेटर से मचा हडकंप
- लोक कल्याणकारी और जन हितैषी योजनाओं पर अमल हुआ तो हिल जाएगा चौथी पास राजा का राजमहल
दिल्ली। शराब घोटाला मामले में सीबीआई की गिरफ्तारी के बाद से दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया तिहाड़ जेल में बंद हैं। इस बीच उनका एक तहलका मचाने वाला लैटर सामने आया है, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से उसे शेयर किया है। इस पत्र में सिसोदिया ने कवित के माध्यम से केंद्र सरकार प हमला बोला है। उन्होंने साफ शब्दों में कह दिया है कि, अगर लोक कल्याणकारी और जन हितैषी योजनाओं पर अमल हुआ तो चौथी पास राजा का राजमहल हिल जाएगा।
दिल्ली का सियासी पारा शुक्रवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने फिर से बढ़ा दिया। उन्होंने सुबह करीब साढ़े दस बजे के करीब ‘जेल से मनीष सिसोदिया की चिट्ठी देश के नाम’ की शीर्षक वाला एक पत्र ट्विटर पर साझा किया। जिसमें बिना किसी का नाम लिए उन्होंने केंद्र सरकार को निशाने पर लिया।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने चिट्ठी साझा करते हुए लिखा, ‘जेल से मनीष जी का पत्र’। साझा की गई चिट्ठी में लिखा है कि ‘अगर, हर गरीब को मिली किताब तो, नफरत की आंधी कौन फैलाएगा।
सबके हाथों को मिल गया काम, तो सड़कों पर तलवार कौन लहराएगा। अगर पढ़ गया, हर गरीब का बच्चा तो चौथी पास राजा का, राजमहल हिल जाएगा।
अगर हर किसी को मिल गई अच्छी शिक्षा और समझ, तो इनका व्हाट्सएप का विश्वविद्यालय बंद हो जाएगा। पढ़े लिखे और समझदारी की बुनियाद पर खड़े समाज को, कोई कैसे, कौमी नफरत के माया जाल में फंसाएगा। अगर पढ़ गया एक-एक गरीब का बच्चा तो चौथी पास राजा का राजमहल हिल जाएगा’।
अगर पढ़ गया समाज का हर बच्चा, तो तुम्हारी चालाकियों और कुनीतियों पे सवाल उठाएगा। अगर गरीब को मिली कलम की ताकत, तो वो अपने ‘मन की बात’ सुनाएगा। अगर पढ़ गया एक-एक गरीब का बच्चा, तो चौथी पास राजा का, राजमहल हिल जाएगा।
दिल्ली और पंजाब के स्कूलों में हो रहा शंखनाद पूरे भारत में अच्छे शिक्षा की अलख जगाएगा। जेल भेजो या फांसी दे दो, ये कारवां रुक नहीं पाएगा, अगर पढ़ गया हर गरीब का बच्चा, राजमहल तुम्हारा दिन जाएगा’।
आप के कद्दावर नेता मनीष सिसोदिया ने इससे पहले भी तिहाड़ जेल से पत्र लिख चुके हैं। अपने हर पत्र में वो केंद्र सरकार की कमजोरियों पर चोट देते नजर आते हैं। सिसोदिया ने अपने ताजा पत्र में भी नीतिगत मुद्दों को उठाने की कोशिश की है।
उन्होंने चार पैरा वाली एक कविता के जरिए देश में व्याप्त गरीबी, कमजोर शिक्षा व्यवस्था, नफरत की राजनीति, तानाशाही शासन व्यवस्था जैसे मसलों पर गंभीर सवाल उठाए हैं। साथ ही इस बात की भी चुनौती दी है कि, केंद्र की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ लोग आवाज बुलंद करने लगे हैं।
दिल्ली और पंजाब में आम आदमी पार्टी सरकार का अस्तित्व में आना उसी का जीता जागता प्रमाण है। कविता के लास्ट पैराग्राफ में वह लिखते हैं कि, जेल भेजो या फांसी दे दो, अब ये कारवां रुकने वाला नहीं है।