शिक्षा विभाग में होंगे 15% से ज्यादा तबादले।
देहरादून। उत्तराखंड में 15 फीसदी से ज्यादा शिक्षक–कर्मचारियों के तबादले किए जाने की खबर सामने आई है। बताया जा रहा है कि 10 जून तक अनिवार्य रूप से तबादले किए जाएंगे।
राज्य सरकार ने गंभीर रूप से बीमार, मानसिक रोगी या दिव्यांग बच्चों के अभिभावकों को वार्षिक स्थानांतरण नीति के लिए तय 15 प्रतिशत सीमा से बाहर रखने का निर्णय लिया है। जिससे मध्य सत्र में पठन-पाठन सुचारू रखने के लिए विभिन्न परिस्थितियों के चलते शिक्षकों के तबादले हो सकेंगे।
अपर सचिव कार्मिक ललित मोहन रयाल ने सीएम धामी के अनुमोदन के बाद संबंधित आदेश जारी कर दिए हैं। बता दें राज्य सरकार ने हर संवर्ग में 15 प्रतिशत तबादले करने की मंजूरी दी है। हालांकि, सरकार ने इन तबादलों में छूट का प्रावधान भी शामिल किया है।
तबादला ऐक्ट की धारा 17 (1) ख की श्रेणी एक, दो और तीन के अंतर्गत आने वाले कर्मचारियों को उनके अनुरोध के आधार पर अनिवार्य रूप से स्थानांतरण किया जाएगा। जानकारी है कि इस श्रेणी में मानसिक रोगी, गंभीर रूप से बीमार और विकलांग बच्चों के अभिभावक आते हैं।
चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग की गठित समिति ऐसे कर्मचारी–शिक्षकों के प्रमाण पत्र का परीक्षण करेगी। साथ ही एक्ट के अधीन आने वाली विभिन्न बीमारियां जैसे ब्लड कैंसर, हृदय रोग, एचआईवी पॉजिटिव, किडनी रोग,ट्यूबरक्लोसिस और स्पाइन की हड्डी टूटने आदि को पहले से तबादलों में छूट रहेगी।
उधर जो शिक्षक कर्मचारी दुर्गम क्षेत्रों में अपनी सेवा पूरी कर चुके हैं उनके तबादले हो सकेंगे। लेकिन इसके लिए संबंधित कार्यालय और विद्यालय में उनकी 4 साल की सेवा होना अनिवार्य है।
ऐसे कर्मचारियों को संबंधित स्थान से दूसरे कार्यालय जिले के सुगम में ही तैनाती दी जाएगी। इसके साथ ही यह निर्णय भी लिया गया है कि, भविष्य में संवर्ग परिवर्तन या संवर्ग से बाहर स्थानांतरण के मामले धारा 27 के अंतर्गत गठित समिति के सामने विचार के लिए नहीं रखे जाएंगे।