मकर संक्रांति स्नान पर्व पर श्रद्धालु ने लगाई आस्था की डुबकी
रिपोर्ट- वंदना गुप्ता
हरिद्वार। मकर सक्रांति स्नान पर्व का काफी महत्व है, क्योंकि मकर संक्रान्ति के पर्व के दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते है। इसी के साथ ही सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण भी हो जाते है।
ऐसी मान्यता है कि, मकर संक्रान्ति के दिन गंगा स्नान करने के उपरांत तिल और खिचङी के साथ वस्त्रों का दान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है। आज मकर सक्रांति स्नान पर्व पर देश के कोने-कोने से आए श्रद्धालु मां गंगा में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं।
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शास्त्रों में मान्यता है कि, मकर संक्रांति स्नान पर्व पर गंगा में डुबकी लगाने और दान पूर्ण करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी का कहना है कि, मकर सक्रांति भारतीय संस्कृति का बहुत बड़ा पर्व है इस दिन सूर्य उत्तरायण होते हैं। इस दिन गंगा में स्नान और सूर्य को अर्घ देकर दान करता है, तो उसे पुण्य की प्राप्ति होती है।
जिस व्यक्ति का सूर्य और गुरु उच्च का होता है, उसके गृह प्रतिकूल होकर भी अनुकूल हो जाते हैं। इसलिए मकर सक्रांति स्नान का पर्व अत्यंत महत्वपूर्ण होता है।
इनका कहना है कि, भीष्म पितामह ने भी इसी दिन की प्रतीक्षा की थी कि, उन्हें मृत्यु प्राप्त हो इसी दिन उनके द्वारा अपने प्राण त्यागे गए थे।
देश के कोने-कोने से आए श्रद्धालु मां गंगा में आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य के भागी बन रहे हैं। श्रद्धालुओं का कहना है कि, मकर संक्रांति स्नान पर्व पर मां गंगा में डुबकी लगाने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
इसीलिए मकर संक्रांति स्नान पर्व पर हमारे द्वारा मां गंगा में डुबकी लगाकर दान पुण्य किया जा रहा है।