यहां पटवारियों पर लगा फौजी की बुजुर्ग माँ से बत्तमीजी और वसूले रुपये का आरोप
रिपोर्ट- अनुज नेगी
पौडी जिले के चौबट्टाखाल तहसील में पटवारियों का एक ऐसा मामला सामने आ रहा है जहां पटवारी चौकी में स्थित तीन पटवारियों पर एक फौजी की माँ और उनके परिवार को धमकाने, मार पिटाई करने और कानून का डर दिखाकर जेल भेजने की धमकी देने के आरोप लग रहे हैं।
जबकि इस वक्त पूरे प्रदेश में पटवारियों का कार्य बहिष्कार चल रहा है और कानून व्यवस्था से सम्बंधित मामलो में भी वो बहिष्कार पर हैं। लेकिन यहाँ उन्होंने एक ऐसा कारनामा कर दिया है, जिससे पूरे क्षेत्र में चर्चाओं का बाजार गर्म है।
मामला चौबट्टाखाल तहसील का है, जहाँ तीन पटवारियों पर आरोप लग रहे हैं कि, उन्होंने एक पारिवार से अनबन के मामले में एक पूर्व सैनिक की बुजुर्ग माँ और एक व्यक्ति के साथ मारपीट कर दी।
फिर जब समझौता हुआ तो उनसे पांच हजार रुपये भी वसूले गए। जानकारी के मुताबिक बीते 22 जुलाई को पोखड़ा ब्लॉक के श्रीकोट गांव के निवासी हरिओम सिंह की अपनी पत्नी के साथ अनबन हुई थी, जिससे पत्नी नाराज होकर मायके चली गई और उसने पति के खिलाफ पटवारी चौकी में सूचना दी थी।
जिस पर स्थानीय पटवारी ने तुरंत हरिओम और उसकी बुजुर्ग मां को चौकी पर बुलाया औऱ जब हरिओम अपनी मां औऱ ग्राम प्रधान के साथ चौकी पहुंचा तो चौकी में तीन पटवारी राजपाल राणा, राजपाल नेगी और कविता मौजूद थी।
हरिओम और उसकी बुजुर्ग मां ने बताया कि, उनके पहुंचते ही पटवारियों ने उनके साथ बत्तमीजी शुरू कर दी। राजपाल नेगी और राजपाल राणा ने हरिओम के साथ जमकर पिटाई, गाली-गलौज की। वहीं महिला पटवारी कविता ने हरिओम की माँ के साथ बत्तमीजी और खींचतान की, साथ ही बुजुर्ग फौजी की बुजुर्ग माँ को जेल भेजने की धमकी भी देने लगे।
अब सवाल यह बनता है कि, जब प्रदेश के सभी पटवारियों ने कानून व्यवस्था से कार्य बहिष्कार किया है, तो इन पटवारियों ने इनकी सूचना अपने उच्च अधिकारियों और संगठन को क्यों नहीं दी, जबकि उसी दिन उपजिलाधिकारी संदीप कुमार तहसील में मौजूद थे। अब देखना होगा कि, इन पटवारियों पर क्या कोई कार्यवाही होगी।
वहीं एसडीएम ने बताया कि, मामला आज ही संज्ञान में आया है और मामले की विभागीय जांच की जाएगी। जिसके बाद सख्त से सख्त कार्यवाही की जाएगी।
वहीं जब हमने पटवारियों से इस सम्बंध में बात की तो पटवारी राजपाल नेगी ने बताया कि, ये लोग भागने की कोशिश रहे थे, इसलिये हल्का बल प्रयोग करना पड़ा लेकिन जो वसूली का आरोप है, वो निराधार है।
वहीं पटवारी राजपाल राणा ने बताया कि, मैं उस समय चौकी पर था। थोड़ी बहुत पूछताछ में अपने सहयोगी पटवारी की मैंने मदद की थी, लेकिन मारपीट का आरोप गलत है।
वहीं महिला पटवारी ने कहा कि, महिला पटवारी होने के नाते मैंने महिला से पूछताछ की, किसी प्रकार की कोई मारपीट बत्तमीजी नहीं की है।
अब यदि पटवारियों का पक्ष देखा जाए तो राजपाल राणा और कविता फर्स्वाण क्यों दूसरे क्षेत्र के मामलों को देख रहे हैं। जोकि विभागीय क्षेत्र के अतिक्रमण के अंतर्गत आता है।
वहीं स्थानीय पटवारी राजपाल सिंह नेगी ने क्यों इस मामले को अपने उच्च अधिकारियों को नही सौंपा। जबकि पटवारी आजकल हड़ताल पर है।