यहाँ जिला चिकित्सालय के शौचालय में नाबालिग का प्रसव। जच्चा-बच्चा की मौत
– डाक्टरों को लड़की के गर्भवती होने की भनक तक नहीं
रूद्रप्रयाग के जिला चिकित्सालय में एक नाबालिग लड़की ने बच्चे को शौचालय में जन्म दिया है। लेकिन बच्चे को जन्म देने के बाद न तो लडकी बच पाई और न ही नवजात।
मिली जानकारी के अनुसार यह घटना रूद्रप्रयाग जिला अस्पताल की है, जहां गुड़िया (काल्पनिक नाम) व उसकी मां पेट दर्द की शिकायत लेकर अस्पताल पहुंची थी। जिसके बाद डॉक्टरों नें गुड़िया की जांच की।
इस दौरान लड़की की मां ने डॉक्टरों से उसके गर्भवती होने की बात भी छुपा कर रखी। बड़ी बात यह है कि, MBBS करने कई वर्षों मेडिकल की पढाई करने के बाद बने डाक्टरों ने भी पेट दर्द की शिकायत लेकर अस्पताल पहुंची नौ माह की गर्भवती गुडिया को पहचान नहीं पाए कि, वह गर्भवती है और प्रसव पीड़ा से जूझ रही है।
वहीं जब गुड़िया को प्रसव पीड़ा उठी तो गुडिया की मां गुडिया को लेकर अस्पताल के बाथरूम में गई। जहां प्रसव पीड़ा से जूझ रही गुड़िया की डिलवरी चुपके से उसकी मां द्वारा ही करा ली गयी।
लेकिन प्रसव ठीक तरीके से न होने के कारण न तो जच्चा बच पाया और न ही बच्चा। वहीं गुडिया की मां ने नवजात की मौत भी सबसे छुपाकर रखी। जब सुबह सफाईकर्मी अस्पताल के बाथरूम में पहुंचे तो वहां मृत नवजात की भनक लगी।
उक्त प्रक्रण से यह साफ हो जाता है कि, आज भी रूढ़िवादी सोच कहीं न कहीं ग्रामीण क्षेत्रों में हावी है। वहीं जन-जागरूकता व बच्चों में इस तरह के विशय को लेकर चर्चा होनी बेहद आवश्यक है।
वहीं सवाल जिला अस्पताल के डाक्टरों पर भी उठता है कि, आखिर कैसे उन्होनें प्रसाव पीड़ा से जूझ रही नाबालिग लड़की को नहीं पहचाना। जबकि नाबालिग नौ महीने की गर्भवती थी। चूंकि, एक नाबालिग गर्भवती लडकी की मौत का मामला है, लिहाजा इस पर उच्च स्तरीय जांच होनी बेहद आवशक है।