सरकारी बजट को निपटाने और अपनों को फायदा पहुंचाने में जुटा स्वास्थ्य विभाग
देहरादून। स्वास्थ्य विभाग में चल रहे बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस कमेटी की गढ़वाल मंडल मीडिया प्रभारी एवं प्रदेश प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने किया।
दसौनी ने कहा कि, सरकारी बजट को निपटाने और अपनों को फायदा पहुंचाने के लिए स्वास्थ्य महकमें में अधिकारियों ने सांठ-गांठ करके चिकित्सा चयन बोर्ड को डांडा लखोण्ड स्थित स्वास्थ्य निदेशालय से शास्त्री नगर एक निजी भवन में शिफ्ट कर दिया।
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दसौनी ने स्वास्थ्य विभाग के द्वारा की गई इस कार्यवाही का वर्तमान सरकार से जवाब मांगा है। दसौनी ने कहा कि, जब स्वास्थ्य विभाग के पास अपनी भूमि व विशालकाय भवन है, तो ऐसे में चिकित्सा चयन बोर्ड को भाजपा के एक नेता के निजी आवास में शिफ्ट करने का आखिर क्या औचित्य है?
दसोनी ने कहा कि, यह मामला सीधे-सीधे भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़े का दिखाई पड़ता है। जिसमें स्वास्थ विभाग में कार्यरत अधिकारी किसी के इशारे पर लाखों के सरकारी खजाने पर बट्टा लगा रहे हैं।
दसौनी ने कहा कि, प्रति माह डेढ़ से दो लाख के किराये वाले निजी भवन में चिकित्सा चयन बोर्ड को शिफ्ट किया जाना अपने आप में हतप्रभ करने वाला है। क्योंकि स्वास्थ्य निदेशालय के पास पर्याप्त पार्किंग और कमरे हैं। ऐसे में चकित करने वाला एक और तथ्य सामने आया है कि, स्वास्थ्य निदेशालय के जिस ऑफिस से चिकित्सा चयन बोर्ड को शिफ्ट किया जा रहा है, उसे किसी केंद्रीय एजेंसी को किराए में दिए जाने की बात की जा रही है।
दसौनी ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि, जब स्वास्थ्य निदेशालय में केंद्रीय एजेंसी का दफ्तर खुल सकता है, तो चिकित्सा चयन बोर्ड, जो अभी तक इतने सालों से वहीं पर स्थित था तो क्यों नहीं संचालित किया जा सकता?
दसौनी ने इसके लिए सीधे-सीधे स्वास्थ्य मंत्री को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि, जब स्वास्थ्य मंत्री की प्राथमिकता में ही स्वास्थ्य विभाग ना हो तो इस तरह के मामले सामने आएंगे ही।
दसौनी ने यह भी आरोप लगाया कि, यह पूरा कांड भाजपा के एक वरिष्ठ नेता को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया है। दसौनी ने कहा कि, मैं आशा करती हूं कि, शासन-प्रशासन इस पूरे घटनाक्रम का संज्ञान लेते हुए इसमें अपेक्षाकृत कार्यवाही करेगा।