गोला नदी में जेसीबी का गुपचुप खेल। खनन की शंका

गोला नदी में जेसीबी का गुपचुप खेल। खनन की शंका

रिपोर्ट- दिलीप अरोरा
किच्छा में कुछ दिन पहले जिले के कप्तान बरिंदर जीत सिंह ने जिस तरह अवैध खनन और ओवर लोडिंग में बहुत बड़ी कार्यवाही की गयी थी, जिसकी जिले स्तर पर ही नहीं पुरे राज्य में धुरी-धुरी प्रशंसा हुई थी।

किच्छा में हमारी टीम ने बे-ख़ौफ़ इस मुद्दे को विस चुनाव के बाद फ़रवरी में उठाया था और बताया था कि, रिवर ट्रेनिंग की आड़ में कैसे अवैध खनन और ओवर लोडिंग हो रही हैं। जिसके बाद जिला प्रशासन हरकत में आया था और 18 फरवरी को सीओ ट्रैफिक ने किच्छा गोला में कार्यवाही स्वरूप एक जेसीबी और 6 डम्पर को सीज किया था।

फिर हमारी टीम ने 22 फरवरी को खबर के माध्यम से प्रशासन को जगाने का कार्य किया था, जिसके बाद 26 फरवरी को किच्छा टोल पर कप्तान ने पुरे राज्य में अब तक की खनन और ओवर लोडिंग पर सबसे बड़ी कार्यवाही को अंजाम दिया। जिसके बाद ओवर लोडिंग पर कुछ हद तक ब्रेक भी लगा।

बावजूद इसके अभी भी चोरी-चोरी खनन और ओवर लोडिंग जिले में और किच्छा में रात-दिन जारी हैं।

गोला नदी में मिले तीन गड्डे, खनन की शंका

हमारी टीम एक बार फिर एक खुलासा करने जा रही हैं। दो दिन पूर्व हमारी टीम मिली जानकारी की सत्यता जानने के लिए गोला नदी पहुंची, जहाँ पुराना बरेली रोड पर एक कच्चा रास्ता दिखा, जहाँ थोड़ा अंदर जाकर डंपर के पहिये के ताजे निशान मिले। जिनके पीछे ज़ब हमारी टीम बिना डर नदी के अंदर आधा किमी गयी तो वहाँ का मंजर देख कर हैरान हो गये और वहाँ देखा तो वहाँ तीन बड़े-बड़े खड्डे मिले।

उनको देख कर साफ लग रहा था कि, वहाँ खुदाई हुई और वहाँ मौजूद निशान देख कर साफ समझ आ रहा था कि, जैसे वहाँ जेसीबी चली हो और भारी भरकम गाड़िया भी आयी हो। पाहियों के और जेसीबी के निशान बिलकुल ताज़ा थे। हमने इसको कैमरे में कैद कर लिया और इसकी जानकारी प्रशासन तक पंहुचा दी हैं।

यहां हम इस बात की पुष्टि नहीं कर रहे हैं कि, खनन हुआ हैं लेकिन जो निशान हमें मिले हैं, वह बिलकुल ताज़ा थे और जिनको देखर इस बात से भी इंकार भी नहीं किया जा सकता कि, यहाँ कुछ न हुआ हो। अब यह जाँच का विषय हैं और यहाँ प्रशासन को जल्द ध्यान देने की आवश्यकता हैं।

चकबंदी की जगह हुआ हैं खनन

ज़ब क्षेत्रीय पटवारी से फोटो दिखाकर मालूम किया तो बताया गया कि, जहाँ खड्डे हुए हैं वह जगह चकबंदी क्षेत्र में आती हैं।