मुख्यमंत्री का पहला फैसला ही तुगलकी फरमान: रावत
रिपोर्ट- इंद्रजीत असवाल
सतपुली। कोरोना काल में महामारी के दौरान स्वास्थ्य विभाग के कोविड केयर सेंटर में कार्यरत कर्मियों जो कि 68 से नियुक्त किए गए थे, को सेवा से पृथक करने पर समाजसेवी व वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी विक्रम सिंह रावत ने मुख्यमंत्री का पहला फैसला ही तुगलकी फरमान बताया।
बिक्रम सिंह रावत के द्वारा कल जिलाअधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को एक ज्ञापन प्रेषित किया जिसमें उनके द्वारा पौड़ी गढ़वाल ही नहीं पूरे उत्तराखंड में कोविड केयर सेंटर में आउट सोर्स के माध्यम से लगाए गए कर्मचारियों की सेवा एवं बहाली करने की अपील की है।
उन्होंने कहा कि, कोरोना काल में जहां एक ओर सभी अपने घरों में दुपके हुए थे, वही सबसे ज्यादा कोरोना काल में सेवा करने वाले लोगों में कोविड केयर सेंटर में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारी हित है जो सही मायनों में कोरोना योद्धा कहे जाएंगे।
उन्होंने कहा, जहां एक ओर पौड़ी गढ़वाल में 155 कर्मियों की तैनाती की गई थी। वही पूरे उत्तराखंड में 16 कर्मियों ने आपातकाल के दौरान महत्वपूर्ण सेवा दी, जिसमें वार्ड में सफाई कर्मचारियों एवं अन्य कर्मचारियों की सेवा की उत्तराखंड की जनता कोरोना काल में मुश्किल घड़ी में भी लड़ सके।
विक्रम सिंह रावत ने कहा कि, यदि इन कर्मियों को समय नहीं किया जाता है, तो जनता जन आंदोलन करने के लिए बाध्य होगी।