बारिश और बर्फबारी ने बढ़ाई राजनीतिक दलों की मुश्किलें। धीमी पड़ी चुनाव प्रचार की रफ्तार
देहरादून। उत्तराखंड में मौसम ने एक बार फिर करवट बदली है। बीते गुरुवार सुबह अचानक पहाड़ों पर हुई बर्फबारी और बारिश ने समूचे राज्य के जनजीवन की रफ्तार एक बार फिर धीमी कर दी है।
गढ़वाल से कुमाऊं तक बर्फबारी, बारिश और ठंडी हवाओं ने जिंदगी की रफ्तार पर ब्रेक लगा दिया। दिल्ली, एनसीआर, हिमाचल और जम्मू कश्मीर में भी मौसम में बदलाव देखा गया। उत्तराखंड में हो रहे विधानसभा चुनाव के लिए बारिश और बर्फबारी ने राजनीतिक दलों के चुनाव प्रचार पर भी मुश्किलें खड़ी कर दी हैं।
बता दें कि, बीते गुरुवार सुबह से ही मैदानी इलाकों में बारिश और पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी होने लगी। चारधाम में जमकर बर्फबारी हुई। ऊंचाई वाले इलाकों में कई गांव बर्फ से ढंक गए। उत्तराखंड में बारिश के बीच पहाड़ों की रानी मसूरी में खूब बर्फबारी हुई। यहां बर्फबारी देखने के लिए पहुंचे सैलानियों ने आनंद उठाया।
देहरादून मसूरी सुवाखोली मोटर मार्ग बर्फबारी के कारण बाधित है। उत्तरकाशी लंबगांव मोटर मार्ग चौरंगी में बर्फबारी होने के कारण मार्ग बाधित है। उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री, यमुनोत्री तो चमोली में बद्रीनाथ धाम, औली, मलारी घाटी और हेमकुंड साहिब में हिमपात होने के बाद बर्फ की चादर बिछ गई है।
औली, चकराता, धनोल्टी में भी अच्छी बर्फ पड़ी है। बर्फबारी से यमुनोत्री हाईवे कई जगहों पर बंद हो गया है। मार्ग खोलने के प्रयास किए जा रहे हैं।
उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी और बारिश का अलर्ट जारी किया था। वहीं दूसरी ओर अल्मोड़ा में पांच साल बाद बर्फबारी होने से लोग खुशी से झूम उठे। इसके साथ हिमाचल प्रदेश के मनाली, शिमला समेत आदि क्षेत्रों में हुई बर्फबारी का सैलानियों ने खूब जमकर आनंद उठाया।
वहीं दिल्ली, एनसीआर में भी सुबह से ही बारिश और ठंडी हवाओं ने लोगों की दिनचर्या प्रभावित की। उत्तराखंड मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है कि, 4 फरवरी को भी राज्य में बर्फबारी और बारिश हो सकती है।