महिला ने खुले मैदान में दिया बच्चे को जन्म। महिला आयोग पहुंचा मामला
रिपोर्ट- दिलीप अरोरा
किच्छा। बीते बुधवार को किच्छा में गरीब गर्भवती के खुले मैदान में प्रस्व के मामले ने तूल पकड़ लिया है। दरअसल, एक गरीब महिला जो कि, इंदिरा खेल मैदान मे खुले मे रह रही थी, उसको बुधवार को ज़ब प्रस्व का दर्द हुआ तब वह सामुदायिक केंद्र पहुंची थी।
जिस पर उसको यह कहकर भेज दिया गया कि, महिला डॉ नहीं है। ऐसा आरोप उसके पाती ने लगाया था। इसकी जानकारी पत्रकार व एन यू जे के अध्यक्ष को एक महिला ने दी, जिस पर वह खेल मैदान पहुंच गये। उन्होंने देखा कि, उस महिला का प्रस्व होने वाला था और वह खेल मैदान मे प्रस्व के लिए मजबूर थी।
इसके बाद मामले को शासन प्रशासन तक पत्रकार ने पहुंचाया। जिसके बाद विधायक और स्वास्थ्य विभाग हरकत मे आये और एक एम्बुलेंस और अस्पताल की एक टीम को घटना स्थल पर भेजा और महिला को उपचार मिल सका।
लेकिन तब तक महिला पुत्र को जन्म दे चुकी थी।
इसके बाद विधायक शुक्ला भी स्वास्थ्य केंद्र पहुंच गये, जहाँ उन्होंने इस लापरवाही पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के स्टाफ को जमकर फटकार लगाते हुए जाँच की बात कही थी।
आज इसी कड़ी मे उत्तराखंड राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष शायरा बानो भी किच्छा सामुदायिक स्वाथ्य केंद्र पहुंची। वहाँ उन्होंने बुधवार की घटना की जानकारी ली और चिकित्सा अधीक्षक डॉ त्रिपाठी से कड़े शब्दों मे इस बात की निंदा करते हुए इस घटना के लिए दोषियों पर कार्यवाही करने और इसकी रिपोर्ट मांगी।
इस पर अस्पताल प्रशासन द्वारा कहा गया कि, उस दिन महिला डॉ नहीं थी, इस पर शायरा बानो ने कहा कि, अगर वो नहीं थी तो कोई तो ड्यूटी पर होगा! आखिर किसने उसे जाने दिया। अगर उसकी जान चली जाती तो क्या होता? मै नहीं चाहती की दोबारा कोई राजवती खुले मैदान मे बच्चे को जन्म दे।