कांग्रेस में महिला सीटों पर पुरुषों की नजर। जीत की क्षमता रहेगी चयन का अहम फैक्टर
वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस युवाओं और महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा भागीदारी देने का वादा कर रही है। लेकिन दोनों ही वर्गों में नए जिताऊ कैंडिडेट तलाशना भी कम चुनौती नहीं है। वर्ष 2012 में यूथ कांग्रेस के कोटे से कांग्रेस में सात लोगों को टिकट मिले थे।
तब से वह टिकट के प्रमुख दावेदार के रूप में मौजूद हैं। जबकि महिलाओं के लिए भी टिकट हासिल करना चुनौती है। ताजा राजनीतिक हालात में कांग्रेस का पूरा फोकस केवल जीत पर है। लिहाजा जीत के खांचे में फिट आने वाला व्यक्ति ही पार्टी की प्राथमिकता होगा। ऐसे में महिला, युवा, बुजुर्ग का मानक मायने शायद ही रखे।
महिला सीटों पर पुरुषो की नजर
वर्ष 2017 के चुनाव में कांग्रेस ने सात महिलाओं नेताओ को टिकट दिए थे। इनमें हल्द्वानी से डॉ. इंदिरा हृदयेश और भगवानपुर से ममता राकेश चुनाव जीतने में कामयाब रहीं। जबकि रुद्रप्रयाग से लक्ष्मी राणा, मसूरी से गोदावरी थापली, सल्ट से गंगा पंचोली, नैनीताल से सरिता आर्य, बाजपुर से सुनीता टम्टा चुनाव तो नहीं जीती, लेकिन कड़ी टक्कर में रहीं थी।
इस बार दो महिला सीटों पर संकट मंडरा रहा है। हाल में भाजपा से लौटे पूर्व काबीना मंत्री यशपाल आर्य स्वभाविक रूप से बाजपुर सीट से दावेदार हैं। तो उनके बेटे नैनीताल के निवर्तमान विधायक संजीव आर्य को भी नैतीताल सीट का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। हल्द्वानी में इंदिरा के निधन के बाद से इस सीट पर भी अब तक कांग्रेस से कोई बड़ी महिला दावेदार सामने नहीं आई है।
कांग्रेस में पुराने युवा ही मजबूत दावेदार
युवा प्रत्याशी के रूप में कांग्रेस के पास इस वक्त चुनिंदा चेहरे हैं। वर्ष 2012 में धारचूला से हरीश धामी, कपकोट से ललित फर्सवाण, चौबट्टाखाल से राजपाल बिष्ट, ऋषिकेश से राजपाल खरोला, कालाढुंगी से प्रकाश जोशी को टिकट मिला था। वर्ष 2017 में खटीमा से नए टिकट के रूप में भुवन कापड़ी को यूथ कोटे से टिकट मिला था।
इस बार एक बार फिर से इन सीटों पर इन्हीं पुराने चेहरों का ही दावा फिलहाल मजबूत है। हालांकि राज्य की अन्य कुछ सीटों पर युवा नेता दावेदारी कर रहे हैं, लेकिन अभी कांग्रेस इनकी जीत की संभावनाओं की पड़ताल कर रही है।
कांग्रेस का स्पष्ट मानना है कि, युवाओं, महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। प्रत्याशी चयन के लिए पार्टी की एक तय प्रक्रिया भी है। आवेदन आएंगे, उसमें दावेदार के सभी पहलुओं से आंकलन किया जाएगा। जीत की क्षमता भी चयन का अहम फैक्टर रहेगा।- गणेश गोदियाल, प्रदेश अध्यक्ष-कांग्रेस