भारी बारिश के कारण पहाड़ों पर मंडरा रहा खतरा। जाम में फंसे यात्री
उत्तराखण्ड में भी भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है और पूरे प्रदेश में भारी से बहुत भारी बारिश का अंदेशा मौसम विभाग ने जताया है।
जिसको देखते हुए सरकार पूरी तरह से अलर्ट मोड़ पर है। मुख्यमंत्री धामी भी अयोध्या का दौरा छोड़ वापिस उत्तराखंड आये और सभी अधिकारियों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए।
मौसम की चेतावनी के मध्येनजर प्रदेश के स्कूलों में छुटी कर दी गयी है। एसडीआरएफ की 29 टीमों को प्रदेश के अलग-अलग जिलों में भेजा गया है। साथ ही चारधाम की यात्रा पर भी रोक लगा दी गयी है।
किसी भी यात्री को ऋषिकेश से ऊपर नही जाने दिया जा रहा है। नेशनल हाइवे पर घंटो से कई किलोमीटर लम्बा जाम लोगों की परेशानी और बढा रहा है।
मौसम विभाग ने प्रदेश के अधिकतर जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। जिसको देखते हुए सरकार से लेकर स्थानीय प्रशासन अलर्ट मोड़ पर है, मौसम विभाग के मुताबिक आने वाले दो दिन प्रदेश के लिए भारी साबित हो सकते हैं। ऐसे में मौसम विभाग ने सतर्क रहने के साथ अनावश्यक यात्रा करने से बचने का आग्रह लोगों से किया है।
जिसके बाद तुरंत ही केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम की यात्रा पर ब्रेक लगाकर सभी यात्रियों को वापिस भेजना शुरू कर दिया गया है।
हालात ऐसे हैं कि, 5000 के करीब गाड़ियां केदारनाथ की यात्रा कर रहे लोगों की सोनप्रयाग और गुप्तकाशी में फसी हैं।
इसी के साथ जो यात्री या पर्यटक पहाड़ों की तरफ रेड अलर्ट घोषित होने से पहले ही यात्रा या पर्यटक स्थलों पर निकले हुए हैं। उनको ऋषिकेश और नरेंद नगर में ही रोक दिया गया है और वापिस जाने के लिए कहा गया है।
हालात ये हैं कि, हजारों की संख्या में गाड़ियों की कतार है। क्यूंकि न रहने की जगह बची है अभी और न अभी वापिस जा सकते हैं, लिहाज़ा किसी तरह से सड़कों पर रात गुजार रहे लोग बस सुबह होने का इंतज़ार कर रहे हैं, ताकि वो ऋषिकेश हरिद्वार या दिल्ली की तरफ निकल सकें।
प्रदेश सरकार की तरफ से सभी जिलाधिकारीयों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही एसडीआरएफ की 29 टीमें अलग अलग जिलों में भेजी जा चुकी है, रेड अलर्ट को देखते हुए सरकार ने फिलहाल चारधाम यात्रा पर पूरी तरह रोक लगा दी है। यात्रा पर अचानक से लगी रोक से यात्री जहां-तहां फंस गए हैं।
दिल्ली से आये ऐसे कई ग्रुप्स हैं जो जहां-तहां फसे हैं। मतलब साफ है कि, जिसको नीचे जाना है वो भी फसा है और जिसको यात्रा के लिए जाना था वो भी।
बस अब इंतजार है तो इन दो दिनों के बीतने का जो किसी अनहोनी के बगैर बीत जाएं। ऐसा ही सब प्रार्थना कर रहे हैं।