सर सैयद डे के जन्मदिन के मौके पर ऑल इंडिया मुशायरा आयोजित। कवियों ने बांधा समा
– “इश्क था, इश्क़ भला कैसे गवारा करते, ये कोई शादी नहीं थी जो दोबारा करते”: अल्तमश अब्बास
रिपोर्ट- सलमान मलिक
रुड़की। अंजुमन ऊरूजे अदब की जानिब से 16 अक्टूबर को नगर निगम सभागार में सर सैयद डे के जन्मदिन के मौके पर एक ऑल इंडिया कवि/मुशायरा सम्मेलन आयोजित किया गया।
कवि सम्मेलन की शमा रोशन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता हंसराज सचदेवा, वरिष्ठ विधायक देहरादून हरबंस कपूर, इंजीनियर शादाब आलम, पूर्व राज्य मंत्री विजय सारस्वत, एमपी सहारनपुर हाजी फजलुर्रहमान, हंस फाउंडेशन प्रभारी उत्तराखंड परमिंदर सिंह बिष्ट आदि गणमान्य लोगों ने की।
कवि सम्मेलन की अध्यक्षता इंजीनियर शादाब आलम तथा संचालन युवा शायर अल्तमश अब्बास ने की। इस मौके पर हिंदुस्तान की मशहूर शायरा मुमताज नसीम ने देशभक्ति गीत प्रस्तुत कर कवि सम्मेलन का आगाज किया।
मशहूर शायर मोईन शादाब ने सर सैयद अहमद खान को याद करते हुए अपना कलाम कुछ इस तरह पेश किया ” गुम अगर सुई भी हो जाए तो दुख होता है
और हमने तो मोहब्बत में तुझे खोया था”
दिल्ली से पधारे शायर एजाज अंसारी ने भी अपना कलाम कुछ इस तरह पेश किया “मैं तेरे साथ जमाने से लड़ सकता हूं मगर
मैं तुझसे बिछड़ते ही हार जाऊंगा
रुड़की नगर के युवा शायर अल्तमश अब्बास ने अपना कलाम पेश करते हुए कहा कि, “इश्क था, इश्क़ भला कैसे गवारा करते
ये कोई शादी नहीं थी जो दोबारा करते”
इनके अलावा डॉक्टर नदीम शाद, काशिफ रजा, असरार चंदेरी, मयंक वर्मा, वसीम राजोपुरी, शाइस्ता सना, शहजादा गुलरेज रामपुरी आदि अनेकों शायरों ने अपना कलाम पेश कर देर रात तक लोगों को अपने कलाम से बांधे रखा।
इस मौके पर विधायक देशराज कर्णवाल, भाजपा नेत्री शमा साबरी, डॉ एनडी अरोड़ा, पूर्व महाप्रबंधक विद्युत विभाग इकबाल आज़र, अमजद उस्मानी, कांग्रेस कमेटी रुड़की के अध्यक्ष कलीम खान, रुखसाना इकबाल, हरिद्वार विधायक के निजी सचिव अनुज जैन, पार्षद मोहसीन अल्वी, सैयद हुसैन, इंजीनियर मोहम्मद मुबाशिर, गालिब त्यागी, मसरूफा अंसारी, सैयद उम्मेद गाजी, आदिल खान, सालिम मिर्जा, ह्यूमन मिर्जा, आदि अनेकों गणमान्य लोग मौजूद रहे।
अंजुमन ऊरूजे अदब कमेटी के सदस्य जाकिर हुसैन तुर्क, आजम खान, अर्जुन सैनी, नवाब अली, शहजाद अंसारी, हुसैन भाई, मोहम्मद तारिक खान, जिगरिया गोहर, मोहम्मद याकूब, अथहर खान, शोएब खान, इरशाद पहलवान, फारुख मलिक आदि ने भरपूर सहयोग प्रदान किया।
अंत में कवि सम्मेलन के संयोजक शायर कयूम बिस्मिल ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया। बाहर से आए कवियों को मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि द्वारा सम्मानित भी किया गया।