कर्फ्यू के बाद आज से खुले स्कूल। कहीं पहुंचे छात्र, कहीं एक भी नहीं
उत्तराखंड में आज से नौंवी से 12 वीं तक के छात्र-छात्राओं के लिए स्कूल खुल गए हैं। छात्र-छात्राओं का थर्मल स्क्रीनिंग के बाद ही स्कूलों में प्रवेश दिया गया। वहीं कक्षाओं में सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखकर ही बैठने की व्यवस्था की गई है।
यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि, सभी छात्र-छात्रा मास्क पहन कर स्कूल में प्रवेश करें। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के कारण लॉकडाउन होने से स्कूलों को बंद कर दिया गया था। सोमवार को कई माह बाद स्कूल खुलने से छात्र-छात्राओं के चेहरे पर खुशी और उत्साह दिखाई दिया।तो कई स्कूलों में कोरोना का खौफ इस तरह दिखा कि, अध्यापक तो सभी मौजूद रहे पर एक भी छात्र स्कूल नहीं पहुंचा, ऐसे में अध्यापक भी मायूस नजर आये।
प्रदेश में आज नौंवी से 12 वीं तक के छात्र-छात्राओं के लिए स्कूल खुल गए हैं, जबकि 6 से 8 तक के स्कूल 16 अगस्त से शुरू किये जायेंगे। इसमें सरकारी और निजी हाईस्कूलों की संख्या 1,354 है। जबकि 2,479 इंटरमीडिएट कॉलेज हैं।
इनमें करीब तीन लाख से अधिक छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं।अभी जारी आदेश के अनुसार सिर्फ चार घंटे की पढ़ाई ही स्कूलों में हो पायेगी, अधिक संख्या वाले छात्रों की स्कूलों में दो पालियों में कक्षाएं चलाई जाएँगी।
काफी लम्बे अंतराल के बाद स्कूल खुलने से छात्र-छात्राएं काफी खुश नजर आये। छात्रों ने बताया कि, ऑनलाइन पढ़ाई जारी है, पर स्कूल में पढ़ने से काफी अच्छे ढंग से समझ आता है। जिससे पढ़ने में आसानी होती है और वो स्कूल खुलने से बेहद खुश और उत्साहित हैं।
स्कूल खुलने को लेकर छात्रों के साथ अध्यापक भी काफी खुश हैं। अध्यापक बतातें है कि, स्कूल की तरफ से गाइडलाइन का पूरा पालन कराया जा रहा है। सबसे पहले थर्मल इस्क्रिनिंग के साथ सेनेटाइजर और सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन कराया जा रहा है। उसके बाद ही पढ़ाई शुरू की जा रही है।
राजपुर रोड स्थित राजकीय बालिका इंटर कॉलेज (जीजीआईसी) की प्रधानाचार्य प्रेमलता बौडाई ने बताया कि, जिन छात्राओं के पास अभिभावक का सहमतिपत्र होगा उन्हें ही स्कूल में प्रवेश दिया जा रहा है। स्कूल में सुरक्षा के तमाम इंतजाम किए गए हैं।
सरकारी और निजी दोनों स्कूलों में ऑफलाइन के साथ ऑनलाइन पढ़ाई भी जारी रहेगी। वहीं, ज्यादा छात्र संख्या वाले स्कूल दो शिफ्ट में संचालित करने या एक दिन छोड़कर 50 फीसदी छात्रों को स्कूल बुलवाने की व्यवस्था बनाई गई है। तापमान सामान्य से अधिक मिलने पर अभिभावकों को इसकी सूचना देकर डॉक्टर का परामर्श मिलने के बाद ही छात्र को दुबारा स्कूल बुलाया जाएगा।
वहीँ कई स्कूल ऐसे भी हैं, जहां एक भी छात्र नहीं पंहुचा। जिससे अध्यापक भी निराश हैं, देहरादून के एक स्कूल जहां लगभग 500 के करीब छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं। उनमे एक भी छात्र आज स्कूल नहीं पहुंचा, ऐसे कई जगहों पर छात्र बहुत ही कम संख्यां में पहुंचें।
जब स्कूल की प्रिंसपल और अध्यपकों से बात की गयी तो उन्होंने बताया कि, हमारी ओर से पूरी तैयारी हैं, पर शायद अभी अभिभावकों में कोरोना की तीसरी लहर का डर है। जिससे वो अपने बच्चों को अभी स्कूल नहीं भेज रहें है।
तीसरी लहर की सम्भवना के बीच बच्चों के लिए बताये खतरे के मध्येनजर कई अभिभावक ऐसे भी हैं, जो अपने बच्चों को स्कूल भेजने से पहले खुद स्कूल की तैयारियों का जायज़ा ले रहे है और तैयारी से संतुष्ट होने के बाद ही अपने बच्चों को स्कूल भेजने की बात कर रहें हैं।
सरकार ने पूरी तैयारी के साथ स्कूल खोलने के निर्देश दिए गए हैं। बच्चों, शिक्षकों एवं कर्मचारियों की कोविड से सुरक्षा के लिए स्कूल को सैनिटाइज किए जाने के निर्देश हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि, सभी स्कूलों को खोलने की तैयारियां पूरी कर ली गई है। उन्होंने कहा कि, बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सभी स्कूलों को सेनेटाइज करवा दिया गया है और स्कूलों में कोरोना गाइडलाइन का पूरी तरह से पालन करने के निर्देश दिए गए हैं।