शहर में गंदगी ने बरपाया कहर। स्वच्छ भारत अभियान पर लगा पलीता
रिपोर्ट- दिलीप अरोरा
किच्छा शहर की वास्तविक स्थिति गंदगी से ओतप्रोत नजर आ रही है, जो किच्छा की जमीन पर साफ-साफ देखने को मिल रही है।
कोरोना महामारी ने लोगो के सर पर मौत बनकर अपना कहर बरसाया है और अभी भी तीसरी लहर के रूप मे फिर कोरोना का खतरा जनता के सिर पर मंडरा रहा है। वहीं दूसरी ओर बारिश ने भी काफ़ी आफत पार्वतीय क्षेत्रो मे मचाई हुई है। कुल मिलाकर महामारी हो या बारिश दोनो ने ही जनता को मुश्किलों मे घेरा हुआ है। जिससे अभी तक कोई बहार नहीं आ पाया है।
वहीं इन दिनों अब एक नई आफत लोगो को डराने लग गयी है। जिसकी झलक शहर मे दिखना शुरू हो गयी। शहर में पूरी तरह से गंदगी और कूड़े ने कब्जा कर लिया है।
जिसकी मुख्य वजह सफाई कर्मियों का अनशन पर बैठना हैं। उनके धरने पर बैठने और कूड़ा न उठाने से शहर की जनता के सामने कूड़े की समस्या पैदा हो गयी है और दूसरी तरफ बारिश पड़ने से वहा गंदगी फैलने लगी है।
अब कूड़ा भी सड़ने लग गया है। जिसकी वजह से उसके आस-पास से निकलना भी लोगो के लिए मुश्किल हो गया है। कूड़े के आस-पास ने गुजरने वाली आमजनता को भयंकर दुर्गन्ध और गंदगी का निरंतर लोगो को सामना करना पड़ रहा है।
यही नहीं इस कूड़े पर जानवर के आने से स्थिति और भयंकर बन जा रही है। कुछ कुत्ते कूड़े मे मौजूद बच्चो के डाईपर और महिलाओ के महामारी के समय मे इस्तेमाल होने वाले कॉटन पेड को भी कूड़े से निकालकर इधर-उधर फैला दे रहे है। जिससे लोगो के बीमार होने का खतरा भी बढ़ता नजर आ रहा है।
अगर जल्द ही सफाई कर्मचारियों का मामला शांत नहीं हुआ तो शहर मे गंदगी के साथ-साथ और कोरोना संक्रमण के साथ ही डेंगू ,मलेरिया और अन्य बीमारियां भी अपनी दहशत फैलाने से पीछे नहीं हटेंगी।
प्रशासन को इस कूड़े को हटवाने के लिए जल्द ही कोई व्यवस्था करनी होगी। क्योंकि कही ऐसा न हो कि, कोरोना की तीसरी लहर से पहले ही अन्य बीमारिया ही शहर और क्षेत्र के लोगो को अपनी गिरफ्त मे लेकर उनके स्वास्थ्य के साथ ही खिलवाड़ न करने लग जाये।
शहर मे गंदगी लगातार बढ़ती जा रही है। शहर के ज्यादातर वार्डो मे भयंकर गंदगी फैली हुई है। जिसकी वजह से लोगो को उनके स्वास्थ्य के प्रति चिंता होने लगी है। अभी कोरोना भी पूरी तरह से देश और राज्य से नहीं गया है। ऐसे मे यह गंदगी और भयंकर बीमारियों को दवात दे सकती है और यह आफत कभी भी शहर पर टूट सकती है। क्योंकि इस कूड़े से आती दुर्गन्ध बीमारियों को न्योता देने को उतावली बैठी है।
शहर के आवास विकास, बलवंत कॉलोनी, पुराना राधास्वामी सतसंग भवन के पास, वार्ड 11 और गैस एजेंसी नैनीताल बैंक वाली गाली, हल्द्वानी मार्ग, बरेली मार्ग लगभग जहां नजर दौड़ाएंगे वही आपको गंदगी और दुर्गन्ध का सामना करना पड़ जायेगा।
स्वच्छ भारत अभियान पर भी लग रहा ग्रहण
जिस तरह शहर को गंदगी ने अपनी गिरफ्त मे ले लिया है, उसे देख कर तो स्वच्छ भारत का अभियान अपने आप ही अस्तित्व से बहार नजर आता है।
शासन और सफाई कर्मचारियों की आपसी लड़ाई से लोगो को बीमारिया तो नुकसान पंहुचायेंगी ही साथ ही जो स्वच्छ भारत का मिशन प्रधानमंत्री मोदी ने शुरू किया था उसको पालिता जरूर लगता नजर आ रहा है।
क्योंकि मौसम भी बारिश का है ऐसे मे यह गंदगी खतरनाक कीटाणु और जीवाणु के पैदा होने लिए प्रयाप्त स्थान है।
फिलहाल हर हाल मे इस समस्या का समाधान होना अनिवार्य है और जल्द ही समाधान होना चाहिए। शासन और प्रशासन को चाहिए की ज़ब तक उनका और सफाई कर्मचारियों के बीच आया तनाव दूर न हो तब तक शहर से कूड़ा उठवाने के लिए कोई और समाधान निकाले, ताकि लोगो के स्वास्थ्य को इस वजह से होने वाले नुकसान से बचाया जा सके।