कुम्भ स्नानों को लेकर मुस्तैद पुलिस। डीजीपी ने दिए आवश्यक दिशा-निर्देश
रिपोर्ट- वंदना गुप्ता
हरिद्वार। कुंभ मेले का पहला महाशिवरात्रि का शाही स्नान सकुशल संपन्न हो गया। इस शाही स्नान को उत्तराखंड पुलिस द्वारा कुंभ आने वाले बड़े शाही स्नान की तैयारी के रूप में संपन्न कराया गया। आज इसी को लेकर उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार द्वारा मेला नियंत्रण भवन में तमाम पुलिस अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की और महाशिवरात्रि के शाही स्नान में आई कमियों को आने वाले बड़े स्नान पर्व पर दूर करने के दिशा निर्देश दिए।
डीजीपी अशोक कुमार का कहना है कि, आज की बैठक में महाशिवरात्रि के शाही स्नान की समीक्षा की गई। शाही स्नान में किसी प्रकार की कमियां तो नहीं रही जिससे आने वाले बड़े शाही स्नान में दूर किया जाए। बैठक में सभी सेक्टर के अधिकारियों से वार्ता की गई कि, आने वाले बड़े शाही स्नान पर्व पर किस तरह से व्यवस्थाएं की जाए।
डीजीपी का कहना है कि, आने वाले बड़े शाही स्नान पुलिस के लिए बड़ी चुनौती है। इसी कारण हमारे द्वारा महाशिवरात्रि का शाही स्नान रिहर्सल के रूप में संपन्न कराया गया। कोरोना महामारी को देखते हुए भारत सरकार की गाइडलाइन का पालन भी हमारे द्वारा कराया गया। साथ ही जो भी श्रद्धालु हरिद्वार में गंगा में स्नान करने आ रहे हैं, उनके लिए पुलिस द्वारा सभी व्यवस्थाएं की गई है। हमारे द्वारा एसओपी का पालन भी कराया जाएगा।
महाशिवरात्रि के पहले शाही स्नान पर श्रद्धालुओं को गंगा स्नान करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था। इसको लेकर डीजीपी अशोक कुमार का कहना है कि, आज की बैठक में इसको लेकर भी चर्चा की गई है। गंगा स्नान करने वाले यात्रियों को ज्यादा पैदल ना चलना पड़े इसको लेकर भी तैयारियां की जा रही है। इनका कहना है कि, कुंभ मेले की सुरक्षा को लेकर 30 कंपनी सीएसएफ जिसमें बीएसएफ, सीआरपीएफ, आइटीबीपी है और साथ ही पांच कंपनियां पीएसी की यूपी से भी आई है। यदि जरूरत पड़ी तो और फोर्स बुलाई जाएगी। मेरे द्वारा आज बैठक में सभी अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए गए हैं। जमीनी स्तर पर जाकर मौके का मुआयना करें, जिससे आने वाले स्नान में किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना ना करना पड़े।
बता दें कि, कुम्भ के आगामी बड़े शाही स्नान को उत्तराखंड पुलिस एक बड़ी चुनौती के रूप में ले रही है और इसी कारण आज उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार द्वारा महाशिवरात्रि के शाही स्नान को लेकर समीक्षा बैठक की गई। उनके द्वारा तमाम अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए गए कि, आने वाले बड़े शाही स्नान पर किसी भी प्रकार की कोताही न बरती जाए।