उत्तराखंड में 700 करोड़ की विद्युत चोरी
– लाइन लॉस का खामियाजा भुगते रहे उपभोक्ता
– सरकार शिकंजा कसे तो उपभोक्ताओं को मिल सकती है बड़ी राहत
विकासनगर। सरकार की लापरवाही एवं अधिकारियों की मिलीभगत के चलते प्रदेश के ईमानदार विद्युत उपभोक्ताओं को बिजली चोरी/लाइन लॉस का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। अधिकारियों एवं बिचौलियों की सांठगांठ के चलते मांग के सापेक्ष अत्याधिक बिजली खरीदने में भी भारी खेल होता है। सरकार प्रतिवर्ष प्रतिपूर्ति करने के लिए बिजली के दामों में बढ़ोतरी कर रही है।
उक्त प्रकरण में मोर्चा अध्यक्ष नेगी ने हैरानी जताते हुए कहा कि, अगर आंकड़ों की बात की जाय तो वर्ष 2018-19 में सरकार द्वारा 14083.69 मिलियन यूनिट्स खरीदी गई, जबकि उसके सापेक्ष 12295.20 मिलियन यूनिट्स बेची गई तथा इसी प्रकार वर्ष 2019-20 में 14139. 31एमयू खरीदी गई एवं उसके सापेक्ष 12538.65 एमयू बेची गई। बेची गई बिजली में राज्य के उपभोक्ताओं एवं राज्य के बाहर बेची गई यूनिट्स शामिल हैं। इस प्रकार प्रदेश को 1788.49 एमयू का नुकसान वर्ष 2018-19 में हुआ तथा 1600.66 का नुकसान वर्ष 2019-20 में हुआ यानी लगभग 160-180 करोड़ यूनिट्स का नुकसान हुआ।
अगर कीमत की बात की जाए तो 600-700 करोड़ का नुकसान प्रतिवर्ष सरकार को हो रहा है। मोर्चा सरकार से मांग करता है कि बिजली चोरी/लाइन लॉस रोकने हेतु कठोर कदम उठाये, जिससे आम उपभोक्ता को राहत मिल सके।