जेल में बंद गैंगरेप के आरोपियों को बंदी रक्षकों ने पीटा। पांच पर मुकदमा दर्ज
रिपोर्ट- वंदना गुप्ता
हरिद्वार। जेल में गैंगरेप के आरोपियों के साथ बंदी रक्षकों द्वारा मारपीट का मामला सामने आया है। लक्सर निवासी दो सगे भाई गैंग रेप के आरोप में हरिद्वार जेल में बंद थे, कुछ दिन पूर्व खाने को लेकर इनका विवाद बंदी रक्षकों से हुआ था। इसी विवाद के चलते बंदी रक्षकों ने दोनों भाइयों को बड़ी बेरहमी से पीटा, जिससे उनको काफी चोटें आई। जेल में बंद गैंगरेप के आरोपियों के पिता जब जेल में उनसे मुलाकात करने पहुंचे तब उनके द्वारा अपने पिता को यह बात बताई गई। पिता द्वारा इस मामले में सिडकुल थाने में तहरीर दी गई। पुलिस ने तहरीर के आधार पर पांच बंदी रक्षकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है और मामले की जांच में जुट गई है।
हरिद्वार जेल में कई बार कैदियों के साथ मारपीट की घटना सामने आई है। एक बार फिर गैंगरेप के आरोपियों को बंदी रक्षकों द्वारा बड़ी बेरहमी से पीटा गया। इस मामले में जेल में बंद आरोपियों को एक पिता द्वारा सिडकुल थाने में तहरीर दी गई। पुलिस द्वारा तहरीर के आधार पर देवेंद्र रावत, मुकेश चौहान, कुलदीप सिंह, रोशन सिंह, पुष्पेंद्र सिंह, बंदी रक्षक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है और मामले की जांच में जुट गई है। वहीं जेल प्रशासन ने पांचों बंदी रक्षकों को कई तैनात कर दिया है और मामले की जांच की जा रही है कि, आखिर जेल के अंदर इस तरह की घटना कैसे हो गई।
सिडकुल थाना अध्यक्ष लखपत बुटोला का कहना है कि, हरिद्वार के लक्सर माया खाली खुर्द निवासी रियाजुल ने तहरीर दी थी कि, जेल में बंद उनके बेटों के साथ बंदी रक्षकों द्वारा मारपीट की गई है। जेल में बंद दोनों आरोपी जुबेर और साहेब गैंग रेप के आरोप में जेल में बंद है। दोनों भाई जिला कारागार के बैरक नंबर 7 में है। पिता रियाजुल ने बताया कि, उन्हें मारपीट का पता बीते 13 जनवरी को चला जब वह अपने दोनों बेटों से मिलने जिला कारागार पहुंचे। उनकी तहरीर के आधार पर हमारे द्वारा पांच बंदी रक्षकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है और मामले की जांच की जा रही है।
हरिद्वार जेल में आए दिन इस तरह की घटना सामने आती रहती है। मगर उसके बावजूद भी जेल प्रशासन द्वारा कोई कठोर कार्रवाई नहीं की जाती। अब देखना होगा इस मामले में आला अधिकारी क्या संज्ञान लेते हैं और दोषी बंदी रक्षकों पर क्या कार्रवाई की जाती है। क्योंकि पुलिस द्वारा इस मामले में सभी बंदी रक्षकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।