एक बार फिर गर्मा पुरानी पेंशन बहाली का मुद्दा। झबरेड़ा विधायक ने सदन में उठाई चर्चा की मांग
रिपोर्ट- मनोज नौडियाल
कोटद्वार। राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली सँयुक्त मोर्चा की पहल पर झबरेडा विधायक देशराज कर्णवाल ने कार्मिकों की पुरानी पेंशन एवं जीपीएफ व्यवस्था पूर्व की भांति लागू किये जाने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री, प्रदेश के मुख्य सचिव तथा विधानसभा के मुख्य सचिव को पत्र भेजा।
मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव को भेजे गये पत्र में झबरेड़ा विधायक देशराज कर्णवाल ने कर्मचारियों की पुरानी पेंशन पर प्रश्न करते हुए कहा कि, यह कर्मचारियों की दीर्घकालिक व न्यायोचित मांग है। इस पर सरकार की ओर से कार्यवाही की उम्मीद है। वर्षाे तक विभागों में देने वाले कर्मचारियों के लिए बुढापे में गुज़ारे के लिए मात्र पुरानी पेंशन ही एक ऐसा लाभ है जो सेवानिवृति के बाद कर्मचारियों को दिया जाता है।
एक जनवरी 2005 व राज्य में 1 अक्टूबर 2005 के बाद सरकार द्वारा लागू की गई नई पेंशन योजना में कर्मचारी 400-500 रु मासिक पेंशन प्राप्त कर पा रहे हैं। इसलिए सरकार को अपने कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन बहाल करते हुए कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा को मजबूत करने की आवश्यकता है। लोक कल्याणकारी राज्य की अवधारणा के लिए यह अत्यंत आवश्यक है।
वही संयुक्त मोर्चे के महासचिव सीताराम पोखरियाल ने झबरेडा विधायक की इस पहल पर आभार जताते हुए कहा है कि, विधायक देशराज कर्णवाल से हाल में इस मांग को सदन के माध्यम से सरकार को अवगत कराने व केंद्र को इस बाबत प्रस्ताव भेजे जाने के लिए ज्ञापन दिया गया था। जिसके प्रतिफल आज विधायक महोदय ने इस मुद्दे को सरकार के समक्ष रखा।
प्रदेश अध्यक्ष अनिल बडोनी ने बताया कि, तत्कालीन सरकार ने कर्मचारियों की नई पेंशन योजना को 1 जनवरी के दिन ही कर्मचारियों हेतु बन्द कर दिया था। इसी अन्याय के विरोध में राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा द्वारा 1 जनवरी 2021 को राष्ट्रव्यापी काला दिवस मनाने का निर्णय लिया गया है। कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु सभी नई पेंशन आच्छादित कर्मचारियों से अपील की गयी है। अधिक से अधिक नई पेंशन कर्मचारी ट्वीट कर अपने साथ विगत 15-16 वर्षों से चले आ रहे इस नई पेंशन योजना के अत्याचार के खिलाफ आवाज़ बुलंद करें।
संयुक्त मोर्चा लगातार पुरानी पेंशन बहाली के लिए युद्धस्तर पर कार्य कर रहा है। सरकार के विधायकों के माध्यम से की गई इस सकारात्मक पहल के कारण देश व राज्य में पुरानी पेंशन बहाली की मांग को बल मिला है।