कार्तिक पूर्णिमा स्नान: हरकी पैड़ी सहित तमाम गंगा घाटों पर पुलिस बल तैनात। बॉर्डर पर भी श्रद्धालुओं को रोकने की तैयारी पूरी
घर रहकर भी गंगाजल से स्नान करने से कार्तिक पूर्णिमा स्नान के फल की होती है प्राप्ति: कैलाशानंद ब्रह्मचारी महामंडलेश्वर
रिपोर्ट- वंदना गुप्ता
हरिद्वार। कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए कल 30 नवंबर को हरिद्वार में कार्तिक पूर्णिमा स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को रोकने के लिए पुलिस ने कार्ययोजना तैयार कर ली है। शाम छह बजे से बॉर्डर पर पुलिस का सख्त पहरा रहेगा। कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान के लिए हरिद्वार में हर साल देशभर से लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं, लेकिन इस बार कोरोना के खतरे को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने गंगा स्नान पर प्रतिबंध लगा दिया है। बाहरी श्रद्धालु और स्थानीय लोग गंगा के घाटों पर स्नान नहीं कर पाएंगे, तो वही अग्नि अखाड़े के महामंडलेश्वर कैलाशानंद ब्रह्मचारी ने घर रह कर ही गंगा स्नान करने की लोगों से अपील की है।
बत दें कि, हर साल कार्तिक पूर्णिमा स्नान पर हरिद्वार गंगा स्नान करने लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते थे, मगर इस बार कोरोना महामारी की वजह से जिला प्रशासन द्वारा कार्तिक पूर्णिमा स्नान पर रोक लगा दी है। इसको लेकर पुलिस प्रशासन ने भी अपनी तमाम तैयारियां पूरी कर ली है। बॉर्डर पर ही बाहर से आने वाले यात्रियों को रोका जाएगा और हरिद्वार हर की पैड़ी के साथ तमाम गंगा घाटों पर भी श्रद्धालुओं और स्थानीय निवासियों को रोकने के लिए पुलिस बल तैनात किया गया है। एसपी डॉ विशाखा का कहना है कि, कल होने वाले कार्तिक पूर्णिमा स्नान को जिला प्रशासन द्वारा स्थगित कर दिया गया है। इसी को देखते हुए हर की पैड़ी और आस-पास के गंगा घाटों पर पुलिस बल तैनात किया गया है और लोगों को गंगा स्नान करने से रोका जाएगा। बॉर्डर पर भी पुलिस बल तैनात है और वहां पर उन्हें बताया जाएगा स्थान स्थगित किया गया है। हमारे द्वारा हरिद्वार के तमाम घाटों पर पुलिस बल को अलर्ट किया गया है। प्रशासन द्वारा दिए गए आदेश का हमारे द्वारा पालन कराया जाएगा। इसको लेकर पुलिस प्रशासन ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली है।
कार्तिक पूर्णिमा स्नान पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु हरिद्वार आकर मां गंगा में आस्था की डुबकी लगाते थे। मगर इस बार कोरोना महामारी की वजह से जिला प्रशासन द्वारा स्नान को स्थगित कर दिया गया है। मगर श्रद्धालु घर रह कर भी गंगा स्नान का फल प्राप्त कर सकते हैं। अग्नि अखाड़े के महामंडलेश्वर कैलाशानंद ब्रह्मचारी का कहना है कि, कार्तिक पूर्णिमा का काफी बड़ा स्नान होता है। लाखों लोग देश के विभिन्न राज्यों से हरिद्वार मां गंगा में आस्था की डुबकी लगाने आते है। लेकिन इस बार शासन और प्रशासन की मजबूरी है। क्योंकि लगातार कोरोना बढ़ रहा है। इसको देखते हुए ही स्नान को स्थगित करना पड़ा है। हम इस निर्णय का स्वागत करना चाहिए। इनका कहना है कि, जो लोग कोरोना की वजह से हरिद्वार आकर कार्तिक पूर्णिमा का स्नान नहीं कर सकते वो मानसिक स्नान अपने घर में ही कर सकते हैं और उनके घर में गंगाजल है वो पानी की बाल्टी में गंगाजल डालकर स्नान करने से उसी फल की प्राप्ति कर सकते हैं और अगर सामान्य जल से भी वह गंगा जी का ध्यान करके स्नान करते हैं तो उन्हें कार्तिक पूर्णिमा स्नान के फल की ही प्राप्ति होगी।
कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए हरिद्वार जिला प्रशासन द्वारा कल होने वाले कार्तिक पूर्णिमा स्नान को स्थगित कर दिया गया। इसको लेकर स्थानीय व्यापारी और स्थानीय लोगों में भी काफी आक्रोश है। मगर संत समाज शासन-प्रशासन द्वारा लिए गए इस निर्णय का स्वागत कर रहा है और लोगों से अपील कर रहा है कि, घर बैठे ही गंगाजल से स्नान करके कार्तिक पूर्णिमा के स्नान का फल प्राप्त होता है और लोग अपने घरों में रहकर ही मानसिक गंगा स्नान भी करेंगे तो उनको कार्तिक पूर्णिमा के फल की प्राप्ति होगी। वहीं पुलिस प्रशासन ने भी स्नान स्थगित होने के बाद अपनी तमाम तैयारियां पूरी कर ली है और हर की पैड़ी सहित सभी गंगा घाटों पर पुलिस बल तैनात किया गया है और बॉर्डर पर भी श्रद्धालुओं को आने से रोकने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल लगाया गया है।