BHEL से सटे क्षेत्रों में जंगली जानवरों का आतंक। वन प्रभाग करवा रहा गुलदार और हाथी की मॉनिटरिंग
रिपोर्ट- वंदना गुप्ता
धर्मनगरी हरिद्वार स्थित महारत्न कंपनी भेल और उसके आसपास के क्षेत्रों में इन दिनों जंगली जानवरों का आतंक है। भेल क्षेत्र से सटे राजाजी टाइगर रिजर्व से निकलकर यह जंगली जानवर रोजाना रिहायशी इलाकों का रुख कर रहे हैं। जिससे स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल है। कल देर रात जहां एक जंगली हाथी ने भेल अस्पताल परिसर में जमकर उत्पात मचाया और अस्पताल की बाउंड्री वॉल तक तोड़ दी, तो वही भेल कंपनी की हिप डिफेंस प्रोजेक्ट बाउंड्री वॉल के पास गुलदार की चहलकदमी देखने को मिली। रिहायशी क्षेत्रों में जंगली जानवरों की दस्तक से बड़ा हादसा होने से टल गया वही विभागीय अधिकारियों के लाख दावों के बावजूद हरिद्वार वन प्रभाग और राजाजी पार्क प्रशासन इन जंगली जानवरों को रिहायशी इलाके में आने से रोकने में नाकाम साबित हो रहा है।
आपको बता दें कि, भेल और आस-पास का क्षेत्र राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क और वन प्रभाग से सटा हुआ क्षेत्र है। जिस कारण लगातार जंगली जानवर क्षेत्र का रुख करते रहते हैं। पूर्व के समय में भी कई स्थानीय लोग हाथी गुलदार और अन्य जंगली जानवरों के साथ टकराव में अपनी जान गवा चुके हैं। समय-समय पर पार्क प्रशासन और वन प्रभाग के अधिकारियों द्वारा व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के लाख दावे किए जाते हैं, मगर जमीनी स्तर पर अधिकारियों के दावे खोखले साबित होते हैं और लगातार जंगल से निकलकर जंगली जानवर रिहायशी इलाकों में समय-समय पर दस्तक देते रहते हैं।
वही इस मामले में हरिद्वार वन प्रभाग के रेंज बीट अधिकारी दिनेश नौडियाल भी मान रहे हैं कि, भेल कंपनी और उसके आस-पास के क्षेत्र में पिछले 10-15 दिन से हाथी और गुलदार की मूमेंट देखी जा रही है। दिनेश नौडियाल का कहना है कि, यह क्षेत्र राजाजी टाइगर रिजर्व और वन प्रभाग से सटा हुआ क्षेत्र है। जिस कारण लगातार जंगली जानवर रिहायशी इलाकों का रुख करते हैं। पूर्व के समय में भी हाथी और गुलदार की वजह से क्षेत्र में लोगों को जान की हानि हुई है। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए हमारे द्वारा क्षेत्र में गुलदार और हाथी की मॉनिटरिंग की जा रही है। हाथियों को रेडियो कॉलर भी हमारे द्वारा लगाया जा रहा है और क्षेत्र में सोलर फेंस जहां-जहां जंगली जानवरों द्वारा तोड़ी गई है उसकी रिपेयरिंग का कार्य भी हमारे द्वारा किया जा रहा है। वही भेल आदि क्षेत्र में जंगली जानवरों को अपने रहने के हिसाब की बहुत सी जगह मिलती हैं। जिस वजह से यह जानवर इधर का रुख करते हैं। हमारे द्वारा भेल प्रशासन से अनुरोध किया गया है कि, वह क्षेत्र में झाड़ियों को कटवाए ताकि ऐसी घटनाएं होने से रोका जा सके।
राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क और वन विभाग के अधिकारियों द्वारा हर बार व्यवस्थाएं दुरूस्त करने का और जंगली जानवरों को भी इसी इलाके में आने का दावा तो किया जाता है। मगर जमीनी स्तर पर अधिकारियों के यह दावे हमेशा हवा हवाई साबित हुए हैं। एक बार फिर हरिद्वार में जंगली जानवरों ने रिहायशी इलाकों का रुख किया है। देखने वाली बात यह होगी कि, स्थानीय लोगों और जंगली जानवरों के बीच टकराव रोकने के लिए पार्क प्रशासन और वन विभाग के अधिकारी किस तरह की व्यवस्था करते हैं।