जल पुलिस तमाम घाटों से नदारद, गंगा में डूबने वालों का सिलसिला जारी। बमशक्कत गौतखोरों ने डूबते की बचाई जान

जल पुलिस तमाम घाटों से नदारद, गंगा में डूबने वालों का सिलसिला जारी। बमशक्कत गौतखोरों ने डूबते की बचाई जान

रिपोर्ट- वंदना गुप्ता
हरिद्वार। धर्मनगरी हरिद्वार स्थित गंगा में लोगों के डूबने का सिलसिला जारी है। आज एक डूबते युवक को स्थानीय लोगों द्वारा काफी मशक्कत के बात करीब एक किलोमीटर की गंगा में दूरी तय करते हुए बचाया गया। इस दौरान गंगा में लोगों को डूबने से बचाने के लिए तैनात की गई जल पुलिस मौके से नदारद दिखी। इसको लेकर स्थानीय लोगों और तीर्थ पुरोहितों में रोष भी देखने को मिला। इस पूरे घटना क्रम में गनीमत यह रही कि, डूबते हुए युवक को वक्त रहते स्थानीय लोगों द्वारा बचा लिया गया। वही जब इस बारे में हमने क्षेत्राधिकारी नगर से व्यवस्थाओं और नदारद जल पुलिस को लेकर बात की तो वह अपनी दलील देती नजर आई।

इस घटना में हरिद्वार के तीर्थ पुरोहित उज्जवल पंडित का कहना है कि, वह रोजमर्रा की तरह रामघाट पर अपने कार्य कर रहे थे, तभी शोर मचाने की आवाज आई और एक युवक गंगा के बीच धारा में डूबता हुआ दिखाई दिया। स्थानीय लोगों के द्वारा उस व्यक्ति को काफी मशक्कत के बाद गंगा से सकुशल बाहर निकाला गया। मेलों के समय में जल पुलिस द्वारा बोट के माध्यम से गंगा में भ्रमण किया जाता है, मगर आम दिनों में जल पुलिस कहीं गायब नजर आती है। आम दिनों में पुलिस द्वारा हर की पैड़ी घाट पर तो व्यवस्था की जाती है वैसी अन्य दूसरे घाटों पर किसी तरह की कोई व्यवस्था दिखाई नहीं देती है। इस तरह के अदृश्य रोजाना देखने को मिलते हैं। आज भी स्थानीय लोगों द्वारा करीब एक किलोमीटर संघर्ष करने के बाद युवक को डूबने से बचाया गया है। इनका कहना है कि, सर्दियों में गंगा का जल कम हो जाता है। मगर परवाह काफी तेज होने की वजह से इस तरह की घटनाएं सामने आती है और गंगा में लोगों के साथ ऐसा होना रोजमर्रा का कार्य बन गया है।

दृश्यों के विपरीत हरिद्वार क्षेत्राधिकारी नगर व्यवस्था दुरुस्त होने का दम भर रही है। हरिद्वार क्षेत्राधिकारी नगर डॉक्टर विशाखा अशोक भदाणे का कहना है कि, इस तरह की घटनाओं के लिए हरिद्वार तीर्थ में गंगा किनारे जल पुलिस की तैनाती की गई है और इस तरह की घटनाओं में तत्परता से लोगों की जान बचाने के लिए जल पुलिस नियुक्त है। लोगों को जागरूक करने के लिए जगह-जगह पुलिस द्वारा साइन बोर्ड लगाए गए हैं। इस तरह की घटनाओं में जल पुलिस द्वारा तत्परता दिखाते हुए रेस्क्यू ऑपरेशन किया जाता है। यात्रियों और स्थानीय लोगों को डूबने से बचाने के लिए हर की पैड़ी, रामघाट, सदानंद घाट, हाथी पुल घाट, और अन्य दूसरे घाटों पर जल पुलिस तैनात है और सूचना मिलते ही जल पुलिस द्वारा लोगों को बचाने का कार्य किया जाता है।

बताना जरूरी होगा कि, हरिद्वार में मेले को समय पर जल पुलिस द्वारा लोगों को डूबने से बचाने के लिए सभी तरह की व्यवस्था की जाती है। मगर आम दिनों में हर की पैड़ी क्षेत्र को छोड़ अन्य दूसरे घाटों पर जल पुलिस नदारद दिखती है। गंगा में तेज बहाव होने के कारण आए दिन लोगों के डूबने की सूचनाएं मिलती रहती है। बावजूद इसके स्थानीय पुलिस अपने द्वारा की गई व्यवस्थाओं का हवाला देकर ऐसी घटनाओं से अपना पल्ला झाड़ लेती है। आम दिनों में भी यात्रियों को डूबने से बचाने के लिए पुलिस द्वारा व्यवस्थाओं को दोबारा से सुनियोजित करने की जरूरत है।