उत्तराखंड ओबीसी एम्प्लॉइज एशोसिएशन के कर्मचारियों ने सरकार पर लगाया धोखाधड़ी का आरोप
रिपोर्ट- मनोज नौडियाल
कोटद्वार। सरकार की दमनकारी नीति का प्रतिकार आवश्यक ही नहीं अपरिहार्य है। जिस प्रकार संगठन को झांसा देकर आश्वासन देकर यह कहा गया कि, एक-दो दिन में नोटिस वापस ले लेंगे। लेकिन उत्तराखंड सरकार का एक दो दिन नहीं आया। इसका मतलब यह सब उत्तराखंड जनरल ओबीसी इम्पलाईज एसोसिएशन के सदस्यों को भी परेशान किया जा रहा है और उनकी ताकत को भी कम आंकने की कोशिश शासन ने की है। प्रदेश अध्यक्ष दीपक जोशी के खिलाफ जो पत्र निकाला गया है उसका कोई आधार नहीं था आज भी नहीं है। केवल और केवल परेशान करने की दृष्टि है। सभी सदस्यों से अनुरोध है कि, प्रस्तावित मशाल जुलूस में अधिक से अधिक संख्या में शामिल होकर एकता का परिचय दें और शासन की दमनकारी नीतियों की खिलाफत करें।
सरकार द्वारा उत्तराखंड जनरल ओबीसी इम्पलाईज को बेमतलब परेशान करके कमजोर करने की भी साजिश की जा रही है। इस तुगलकी फरमान को हर हाल में निरस्त कराना ही होगा। शासन में बैठे आईएएस स्तर के अधिकारी झूठ बोलने का भी काम करते हैं। यह भी स्पष्ट हो गया है कि, सरकार व शासन की नादिरशाही का जवाब दिया जाना नितांत आवश्यक है। सभी सदस्यों को एकजुटता से ज़वाब देना होगा। सभी संगठन स्वयं सिद्ध होते हैं। उन्हें हड़ताल करने के लिए किसी नेता सरकार या व्यवस्था से अनुमति लेने की आवश्यकता कभी नहीं होती है। हां इन लोगों को नोटिस जरूर जारी किया जाता है। सरकार ने अनुमति को आधार बनाकर निराधार पत्र जारी किया गया है। अब जब तक यह पत्र निरस्त नहीं होता तब तक शासन का विरोध किया जायेगा। इस संबंध मे गुरुवार को एशोसिएशन ने मशाल जुलूस निकालने का भी निर्णय लिया है।