श्रमिक कल्याण परिषद ने बैठक कर सरकार को दी सात अक्टूबर से बड़े आंदोलन की चेतावनी

श्रमिक कल्याण परिषद ने बैठक कर सरकार को दी सात अक्टूबर से बड़े आंदोलन की चेतावनी

रिपोर्ट- वंदना गुप्ता
हरिद्वार। उत्तराखंड के समस्त औद्योगिक क्षेत्रों में दैनिक मजदूरी करने वाले संगठित क्षेत्र के व असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की समस्याओं के निदान के लिए श्रमिक कल्याण मंत्री परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष संजय चोपड़ा की अगुवाई में गोविंद भवन स्थित कार्यालय पर सिडकुल क्षेत्र के श्रमिकों संगठनों के प्रतिनिधियों और श्रमिक कल्याण परिषद के सदस्यों पदाधिकारियों के साथ पहली बैठक आयोजित की गई। श्रमिक कल्याण परिषद की बैठक में संयुक्त रुप से ईमेल के माध्यम से मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत व श्रम मंत्री डॉ हरक सिंह रावत से मांग की कि, राज्य के औद्योगिक क्षेत्रों में लगातार श्रमिको को ठेका प्रथा के माध्यम से ठेकेदारों और फैक्ट्री प्रबंधन के अमान्य आचरण की वजह से श्रमिकों को शोषण और उत्पीड़न से निजात दिलाने के दृष्टिगत श्रमिकों की समस्याओ का समाधान किया जाए।

श्रमिक कल्याण मंत्री परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष संजय चोपड़ा का कहना है कि, श्रमिक कल्याण परिषद का गठन श्रमिकों की समस्या का निदान करने के लिए ही किया गया है। श्रमिकों की न्याय संगत मांगों को सरकार तक कैसे पहुंचाना है, इसको लेकर आज हमारे द्वारा बैठक की गई। श्रमिकों की मांगों को लेकर 7 अक्टूबर को हरिद्वार के सिडकुल से बड़े आंदोलन की शुरुआत की जा रही है। क्योंकि कोरोना महामारी के वक्त से श्रमिकों का शोषण किया जा रहा है और उनसे ज्यादा कार्य कराया जा रहा है, पर समय पर उनकी सैलरी नहीं दी जा रही है। हम उत्तराखंड सरकार और श्रम मंत्री डॉ हरक सिंह रावत से मांग करते हैं कि, जितने भी संगठित क्षेत्र के श्रमिक है इनको आमंत्रण कर इनकी जनसुनवाई होनी चाहिए

क्योंकि एक तरफ प्रधानमंत्री श्रमिक योजना चल रही है और श्रमिकों को आत्मनिर्भर करने की बात की जा रही है। श्रमिक आत्मनिर्भर तभी हो सकता है जब उसकी समस्याओं को सुना जाएगा। श्रमिक कल्याण मंत्री परिषद के जिला अध्यक्ष महिपाल सिंह रावत का कहना है कि, कोरोना महामारी के वक्त से ही सभी श्रमिकों का शोषण किया जा रहा है। इसे श्रम कानून का उल्लंघन किया जा रहा है। इसी को लेकर हमारे द्वारा बड़े आंदोलन की तैयारी की गई है और जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होगी हम आंदोलन से पीछे नहीं हटेगी।

कोरोना महामारी के वक्त से श्रमिकों से सिडकुल की कई कंपनियों द्वारा इनसे ज्यादा कराया जा रहा है। मगर इनको वक्त पर सैलरी भी नहीं दी जा रही है। इसी को लेकर अब श्रमिक आंदोलन की राह पर है और इनके द्वारा चेतावनी दी गई है कि, 7 अक्टूबर से सिडकुल में बड़े आंदोलन की शुरुआत की जाएगी और जब तक सरकार या श्रम मंत्री डॉ हरक सिंह रावत इनकी मांगों को पूरा नहीं करते हैं। उनका आंदोलन जारी रहेगा। अब देखना होगा सरकार और श्रम मंत्री इनकी मांगों पर कितना ध्यान देते है।