कोटद्वार रेंज में मालन नदी के तट पर प्लांटेशन का नुकसान। जिम्मेदारों को नहीं कोई खैर-खबर
रिपोर्ट- मनोज नौडियाल
कोटद्वार। लैंसडोन वन प्रभाग ने कोटद्वार रेंज में मालन नदी के तट पर साल 2014-15 में 20 हेक्टयर भूमि पर 10 हजार पौधे लगाए थे। देख-रेख के लिए 3 वाचक रखे गए थे। उनकी लापरवाही के चलते प्लांटेशन के अंदर काफी दूरी तक एक भी पेड़ नहीं दिखाई दे रहे हैं। लैंसडौन वन प्रभाग के कोटद्वार रेंज में मालन नदी किनारों ग्रीन इंडिया मिशन के तहत 40 हेक्टेयर भूमि पर 40 हजार पौध रोपकर प्लांटेशन का निर्माण करवाया गया था। लेकिन नियमित देख-रेख न होने की वजह से प्लांटेशन में पौधों की कोई शिनाख्त नहीं हैं और चारों तरफ गड्ढे दिखाई दे रहे हैं।वहीं मामला सामने आने के बाद विभागीय अधिकारी निरीक्षण करने की बात कर रहे हैं।
प्लांटेशन को पहुंचा नुकसान
दरअसल लैंसडोन वन प्रभाग ने कोटद्वार रेंज में मालन नदी के तट पर साल 2014-15 में 20 हेक्टयर भूमि पर 10 हजार पौधे लगाए थे। वहीं साल 2019-20 में मालन नदी के किनारे 40 हेक्टेयर भूमि पर 40 हजार पौध रोपण कर प्लांटेशन बनाया गया। रख-रखाव के लिए कम से कम 6 कर्मी तैनात होने चाहिए थे, लेकिन वन विभाग ने इसका जिम्मा मात्र 3 कर्मियों को सौंपा है। कर्मचारियों की लापरवाही के चलते नदी किनारे खुले RBM स्टॉक स्वामियों ने प्लांटेशन के अंदर भारी मात्रा में खनन करवा दिया। जिसके कारण प्लांटेशन को भारी क्षति पहुंची है।
आलम ये है कि, प्लांटेशन के अंदर काफी दूरी तक कोई भी पेंड़ नजर नहीं आ रहा है। अगर नजर आ रहे हैं तो सिर्फ गड्ढे। ऐसे में लैंसडौन वन प्रभाग की कोटद्वार रेंज पर सवाल उठने लाजिमी है। लैंसडौन वन प्रभाग के DFO दीपक का कहना है कि, कोटद्वार रेंज में मालन नदी के किनारे पर प्लांटेशन का निर्माण करवाया गया है। 10 हेक्टेयर भूमि पर एक कर्मी होता है। अगर प्लांटेशन को किसी तरह का नुकसान पहुंचा है, तो उसे दिखवाया जाएगा। जल्द ही प्लांटेशन का निरीक्षण कर उसके रखरखाव के लिए कर्मी बढ़ाये जाएंगे।