हरिद्वार में खिला राज्य पुष्प ब्रह्मकमल। परिवार में खुशी की लहर
रिपोर्ट- वंदना गुप्ता
हरिद्वार। उत्तराखंड का राज्य पुष्प ब्रह्मकमल जो कि हिमालय के पहाड़ों में बर्फ के बीच में खिलता है। यह ब्रह्मकमल बहुत ही दुर्लभ प्रकार की पुष्प जाति में आता है। यह कुदरत का करिश्मा है और इस ब्रह्मकमल पुष्प की खासियत है कि, यह ब्रह्मकमल पुष्प बहुत कम समय के लिए खिलता है और कुछ समय खिलने के बाद यह अपने आप ही बंद हो जाता है। इस ब्रह्मकमल पुष्प की महक इतनी होती है कि, यह जहां पर लगा होता है वहां आस-पास अति सुंदर महक वाली खुशबू फैल जाती है। पौराणिक मान्यता यह भी है कि, इस पुष्प में विष्णु और लक्ष्मी दोनो वास करते हैं। वही मैदानी इलाके हरि की नगरी हरिद्वार में भी ब्रह्म कमल खिला है। यह अपने आप में एक बहुत बड़ी बात है।
ब्रह्मकमल पुष्प को भगवान विष्णु का प्रिय पुष्प माना जाता है और यह पुष्प देवी लक्ष्मी को अर्पित किया जाता है। यह दुर्लभ पुष्प आज हरिद्वार में एक परिवार के घर में खिला है। बीस साल पहले बेंगलुरू की नर्सरी से ब्रह्मकमल का छोटा पौधा रामवतार शर्मा निवासी निरंजनी अखाड़ा मायापुर अपने निवास पर लेकर आये थे, ब्रह्मकमल खिलने की आस में उन्होंने पौधे को सींचा और इसका रखरखाव किया। उनके द्वारा सींचे गए इस पौधे पर कभी साल में दो बार या कभी एक बार ब्रह्म कमल पुष्प खिलता है। यह फूल चंद घंटे ही खिलते है।
20 साल तक इस पेड़ को सीचने वाले राम अवतार शर्मा का कहना है कि, यह पुष्प बरसात और ठंड के वक्त में खिलता है और यह सिर्फ हिमालय की पहाड़ियों पर ही खिलता है। हम इस पेड़ को बेंगलुरु से लेकर आए थे और पिछले 20 साल से हम इस पेड़ को सिच रहे थे, इस पुष्प को उत्तराखंड का राज्य पुष्प भी कहते हैं और शास्त्रों की माने तो इसको भगवान विष्णु और लक्ष्मी का साक्षात स्वरूप भी माना गया है। आज यह हमारे यहां खिला है यह पुष्प सिर्फ 4 घंटे के लिए ही खिलता है। पिछले कई साल से यह पुष्प हमारे निवास पर खिल रहा है।
वही इस घर के युवाओं का भी कहना है कि, हमारे निवास पर ब्रह्म कमल का खिलना हमारे लिए सौभाग्य की बात है। ब्रह्म कमल का हमारे यहां खिलना हमारे लिए भगवान का वरदान है। जिस तरह से हमारे दादा ने इस पौधे का रखरखाव किया है, इसको सींचा है, उसी तरह हम भी जीवन भर इस पौधे का रखरखाव करेगे और इस पौधे को सींचेगे।
ब्रह्मकमल भगवान विष्णु को प्रिय माना जाता है। यह पुष्प देवी लक्ष्मी को भी अर्पित किया जाता है। मगर हिमालय की बर्फीली वादियों में खिलने वाला यह ब्रह्मकमल पुष्प हरिद्वार में खिला है। यह अपने आप मे एक अद्भुत घटना है। ज्ञात हो कि, ब्रह्म कमल का पुष्प हमेशा बर्फीली वादियों में ही खिलता है और कुछ घंटे खिलने के बाद अपने आप ही मुरझा जाता है। इस पुष्प के खिलने से पिछले 20 साल तक इसकी देखभाल करने वाले परिवार में भी खुशी की लहर दिखती है।