भूमि समतल करने के नाम पर जड़ से उखाड़ डाले हरे पेड़, चलाई पेड़ो पर आरियां
रिपोर्ट- मनोज नौडियाल
कोटद्वार। नगर निगम के वार्ड नंबर -3 के अंतर्गत सनेह मल्ली और तल्ली की सीमा से लगे क्षेत्र में एक व्यक्ति द्वारा अपने नाम की भूमि पर हरे-हरे पेड़ों को बिना अनुमति के जड़ से उखाड़ डाला और कुछ हरे पेड़ों पर आरी चलवा दी। यही नहीं उक्त व्यक्ति द्वारा पड़ोस के खेत पर भी अतिक्रमण करते हुए हरे पेड़ो पर आरियां चलवा दी। जब इसकी सूचना पड़ोस के व्यक्तियों ने मीडिया को दी तो मीडिया द्वारा उक्त जगह को कवरेज किया गया। जब उक्त व्यक्ति से खबर की पुष्टि हेतु जानकारी चाही तो व्यक्ति से संपर्क नहीं हो पाने के कारण, खबर लिखे जाने उक्त व्यक्ति से पूछताछ करने का प्रयास किया गया तो भूमि स्वामी द्वारा अपने कार्यकर्ताओं के माध्यम से कटे पेड़ों के ऊपर मिट्टी डालकर दबा दिया गया साथ ही उखाड़े गए पेड़ों को को नदी में फेंक दिया गया।बता दें कि, इन दिनों सनेह क्षेत्र में कई विवादास्पद घटनाएं जन्म ले रही हैं। इसी की आड़ में कुछ लोग कानून को धता बताकर उल्टे सीधे कार्य करने में लगे हुए हैं। यहां पर भी उक्त व्यक्ति द्वारा खनन भंडारण के लिए भूमि का इस्तेमाल किया जाना था। जिस हेतु उक्त व्यक्ति ने पर्यावरण के मानकों को धता बताकर 8-10 फीट गोलाई के पेड़ों तक को तो उखाड़ डाला है। साथ ही उत्तराखंड के औषधीय प्रजाति के पेड़ों को भी नष्ट कर डाला। कुछ ही दिन पूर्व नगर निगम द्वारा जैव विविधता के नाम पर एक कमेटी का गठन भी किया गया है जिसमें कमेटी को पर्यावरण के मानकों की अनदेखी करने वालों पर कार्यवाही करने के अधिकार दिए गए हैं।
लेकिन लगता है यह कमेटी केवल एक खानापूर्ति के लिए बनाई गई है। इसके द्वारा क्षेत्र में न तो पर्यावरण के मानकों की धज्जियां उड़ाने वालों की जानकारी ली जाती है और न उन पर कार्यवाही की जाती है। यही नहीं वन विभाग भी इस मामले में लगता है सोया पड़ा है। उसे तो मात्र खनन और वन क्षेत्र में होने वाले कार्य तक ही सीमित रहना है। जबकि वन विभाग भी इन पेड़ों को कटने से पूर्व रोकथाम करता है और पेड़ काटने की अनुमति भी देता है। लेकिन उक्त व्यक्ति द्वारा न तो वन विभाग को इस मामले का संज्ञान लिया और न हीं जय विविधता कमेटी को। अब देखना यह है कि, पर्यावरण समिति उक्त व्यक्ति पर क्या कार्रवाई करती है।