थाने में तैनात सिपाही ने पेश की मानवता की मिसाल
रिपोर्ट- मनोज नौडियाल
कोटद्वार। देश में लगातार लाॅकडाउन चल रहा है। लाॅकडाउन 4 के बाद अनलाॅक लगाया हुआ है। हालांकि सरकार द्वारा कई छूट दे दी गई है। किंतु कोरोना महामारी के चलते सभी डरे व सहमे से है। अभी भी सड़कों पर जो होटलों और दुकान दिन भर गुलजार रहते थे, वहां अब धूल उड़ रही है। सब्जी मंडियों और फल बाजारों में भी सन्नाटा है। इसका असर इंसान के साथ ही उसके साथ रहने वाले बेजुबानों पर भी पड़ा है। क्योंकि सब कुछ बंद होने से इनका भी पेट भर पाना मुश्किल हो गया है। सड़कों पर घूमते गोवंश के साथ ही कुत्ते व बंदर भूख से बिलबिलाने लगे हैं। ऐसे में अपने साथ-साथ हमें इन बेजुबानों का भी ख्याल रखना होगा। इस संकट की घड़ी में भी कुछ लोग इन बेजुबानों के प्रति संवेदनशील हैं।
बीते बुधवार को ऐसी ही एक सुखद तस्वीर कोटद्वार में देखने को मिली। कोरोना काल में लोगों की सुरक्षा का जिम्मा उठाने वाले महकमे में तैनात एक जवान ने मानवता की मिसाल पेश की। कौड़िया चैक पोस्ट पर तैनात सिपाही प्रकाश खनेडा भोजन करने बैठे तो एक बंदर उनके पास आकर बैठ गया। बेजुबान की आंखें उसके पेट का हाल बता रहीं थीं। प्रकाश खनेडा ने अपना पूरा भोजन बंदर व कुत्तों को समर्पित कर दिया। वहाँ पर मौजूद किसी सख्श द्वारा मानवता को मूर्त करती इस वाकये की एक तस्वीर खींच ली और वायरल कर दी।
कांस्टेबल प्रकाश खनेडा लाॅकडाउन से ईमानदारी के साथ अपनी ड्यूटी निभाने के साथ-साथ बेजुबानों की मदद भी कर रहे है। जोकि मानवता की मिसाल पेश कर रहे है। पूरे शहर में इस कार्य के लिए प्रकाश की प्रशंसा व खूब सराहना हो रही है। प्रकाश खनेडा बताते है कि, बेजुबान कभी बोल नहीं सकता। इसलिए आपदा की घड़ी में जो लोग मानवता की सेवा के लिए रोड पर उतरे हैं, उन्हें गौमाता, कुत्तों व बंदरो की तरफ भी एक बार जरूर देखना चाहिए। क्योंकि इन जैसे बेजुबानों को हमसे ही निवाला मिलता रहा है।