सरकारी सिस्टम का पहाड़वासियों के साथ धोखा
– चमेठा- ढोलखेत खाल- सिरोबाड़ी मार्ग चढ़ा भ्रष्टाचार की भेंट
– ग्रामीणों में आक्रोश, विधायक नदारद, प्रमुख दीपक भंडारी डटे मैदान में
लैंसडौन/कोटद्वार। यूं तो सरकारे जनता के लिए तमाम सुविधाएं मुहैया करा रही है। ताकि पहाड़ो का विकास हो सके, लेकिन सिस्टम आखिर सरकार और जनता को दगा दे ही जाता है। इस कोरोना महामारी में उत्तराखंड में तमाम प्रवासी अपने घरों को लौट रहे है और सरकार इन प्रवासियों को यहीं रोकना चाहती है। जिसके लिए सरकार कई योजनाएं धरातल पर उतार रही है, ताकि पलायन रुक सके, मगर यहां भी सिस्टम पहाड़ और पहाड़वासियों से धोखा कर रहा है।
पीएमजीएसवाई जो कि पहाड़ो में सड़कों का जाल बिछा रहा है। जहाँ भ्रष्टाचार अपना तांडव कर रहा है जी हाँ, चमेठा-ढोलखेत, खाल-सिरोबाड़ी मार्ग इसका जीता प्रमाण है। विभाग और विभागीय ठेकेदारों की मिलीभगत से लॉकडाउन के चलते आनन-फानन में सड़क का निर्माण हो रहा था। जिसे की ग्रामीणों ने रुकवा दिया है। सड़क की गुणवत्ता की बात करे तो सड़क की मोटाई-चौड़ाई बिल्कुल भी नहीं। हाथों से ही सड़क खोदी जा सकती है। मिट्टी से बनी इस सड़क का ही कमाल है कि, मात्र हफ्ते भर में ही सड़क पर घास की फसल हो चुकी है। करोड़ो की लागत से बनी ये सड़क ठेकेदार ओर पीएमजीएसवाई के कमीशन व भ्रष्टाचार की पोल खोलती है। जयहरीखाल ब्लॉक प्रमुख दीपक भंडारी एवं स्थानीय ग्रामीणों की जागरूकता से सड़क की गुणवत्ता से ठेकेदार व पीएमजीएसवाई की भ्रष्टाचारी पटकथा तो उजागर हुईं है पर क्या सिस्टम जागने की जहमत उठाएगा। बस यही सवाल है जो बार-बार करवटे लेकर सिस्टम के आगे बेबस और मजबूर है।