Exclusive: श्रम मंत्री की विधानसभा में श्रमिक कल्याणकारी योजनाओं को लग रहा पलीता

Harak singh rawat

श्रम मंत्री की विधानसभा में श्रमिक कल्याणकारी योजनाओं को लग रहा पलीता

 

रिपोर्ट- मनोज नौडियाल
कोटद्वार। प्रदेश के श्रम मंत्री डॉ हरक सिंह रावत की विधानसभा क्षेत्र में ही विभाग की श्रमिक कल्याणकारी योजनाओं को पलीता लग रहा है। मंत्री की विधानसभा में श्रमिकों का ऑनलाइन डाटा न होने के कारण सभी श्रमिकों को सरकार की योजनाओं का पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है। विभागीय लापरवाही का खामियाजा आज श्रमिकों को भुगतना पड़ रहा है। केंद्र सरकार संचार क्रांति के युग में प्रवेश कराने के साथ ही उसे नए आयाम देने के लिए देश के पूरे सिस्टम को डिजिटल करने का सपना देख रही है, लेकिन डिजिटल इंडिया स्कीम को कई सरकारी विभाग पलीता लगाने पर आमादा हैं। पौड़ी जनपद में इसमें श्रम विभाग अहम भूमिका निभाते हुए नजर आ रहा है।

बता दें कि, पौड़ी जनपद में श्रम विभाग के दो कार्यालय है। एक श्रीनगर और दूसरा कोटद्वार में। वर्तमान में पौड़ी जनपद में श्रम विभाग में लगभग 33 हजार श्रमिक पंजीकृत है। इनमें से विभाग के पास मात्र पांच हजार श्रमिकों का ही ऑनलाइन डाटा है। बाकी 28 हजारों श्रमिकों का विभाग के पास मैनुअल डाटा है। वहीं प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत की विधानसभा श्रीनगर में जहां सभी श्रमिकों का ऑनलाइन डाटा है, वहीं प्रदेश के श्रम मंत्री डॉ हरक सिंह रावत की विधानसभा में श्रम विभाग के पास श्रमिकों का आनलाइन डाटा ही नहीं है। ऐसे में सभी श्रमिकों को सरकार की योजनाओं का लाभ ही नहीं मिल पा रहा है।

श्रम विभाग ने कोरोना वायरस के चलते जनपद में पंजीकृत श्रमिकों के खाते में एक हजार रुपये भेजने शुरू किये। यह राशि सीधे श्रमिकों के खाते में भेजी जा रही है। जनपद में वर्तमान में 33 हजार पंजीकृत श्रमिक हैं। पहले चरण में जनपद में 28 हजार श्रमिकों के खाते में राशि भेजी गई। अभी तक पांच हजार श्रमिकों के खाते में राशि नहीं पहुंच पाई है और न ही इन श्रमिकों का विभाग के पास कोई खाता नंबर है और ना ही आईएफएससी कोड है। जबकि सरकार ने दूसरे चरण की राशि भी श्रमिकों के खाते में भेजने के आदेश कर दिये है, लेकिन जिन श्रमिकों के विभाग के पास खाता नंबर और आईएफएससी कोड नहीं है आखिर उनके खाते में राशि कैसे भेजी जा सकती है?

कोटद्वार श्रम विभाग के कनिष्ठ सहायक कुलदीप रावत ने बताया कि, कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव के कारण आपदा राहत योजना उत्तराखण्ड भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के तहत पंजीकृत सभी निर्माण श्रमिकों को आपदा राहत धनराशि दी जाएगी। पंजीकृत कुछ मजदूरों का बैंक व आईएफसी कोड का डाटा नहीं है। जिन श्रमिकों का बैंक डाटा नहीं है, उनके खाते में राहत राशि नहीं भेजी जा सकती है। श्रमिक कार्यालय में अपना बैंक का डाटा विभाग को उपलब्ध करा सकते हैं। इसके लिए विभाग ने एक वाट्सएप नंबर भी जारी किया है। श्रमिक वाट्सएप पर अपनी समस्या भी बता सकते हैं।