Breaking: सीएम की ओछी बयान बाजी शर्मसार
देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र खो चुके मानसिक सन्तुलन। डेंगू मामले में मुख्यमंत्री का बयान गैरजिम्मेदाराना। कहा प्रदेश में हुई मौतों को मौत नहीं मानते। सरकारी अस्पताल है सिर्फ रैफर सेंटर, अधिकाशं में चिकित्सक नहीं है। सरकारी अस्पताल के भरोसे जनता नहीं गवां सकती अपनी जान। सीएम हाउस में बैठकर आंकड़े नहीं पता लगते मुख्यमंत्री जी। ऐसा आज आज दिनाक-26/09/19 दिन गुरुवार को विकासनगर स्तिथ जनसंघर्ष के कार्यालय में मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने बयान जारी कर कहा।
मोर्चा अध्यक्ष नेगी ने कहा कि, मुख्यमन्त्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मा0 उच्च न्यायालय द्वारा डेंगू के मामले में संज्ञान लेने के पश्चात् दिये गये बयान कि ‘‘प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में डेंगू से नहीं हुई मौत’’ की मोर्चा घोर निन्दा करता है। ऐसा प्रतीत होता है कि, हिलटाॅप व भांग की खेती ने त्रिवेन्द्र का मानसिक संतुलन बिगाड़ कर रख दिया है।
नेगी ने यह भी कहा कि, एक अनुभवहीन, गैरजिम्मेदार, अदूरदर्शी सीएम की तजुर्बेकारी का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है कि, जिस प्रदेश के अधिकांश सरकारी चिकित्सालयों में चिकित्सक व सुविधाएं नहीं हो तथा सरकारी चिकित्सालय मात्र रैफर सेन्टर बनकर रह गये हों, उनकी बात करना समझ से परे है।
मोर्चा ने हैरानी जतायी कि, जिस प्रदेश सरकार को डेंगू मामले में राजभवन तलब कर चुका हो तथा मा0 न्यायालय नोटिस जारी कर चुका हो, उस प्रदेश में सीएम की ओछी बयान बाजी शर्मशार करने वाली है।
रघुनाथ ने कहा जिस प्रदेश में हजारों मरीज डेंगू से जूझ रहे हों तथा दर्जनों लोग असमय मौत की आगोश में समा चुके हों, उस प्रदेश के सीएम द्वारा सरकारी अस्पताल का आंकड़ा जनता को दिखाया जाना बहुत ही गैर जिम्मेदाराना है। बड़े दुर्भाग्य की बात है।
मोर्चा ने सूबे के मुख्यमंत्री को प्राईवेट अस्पतालों एवं जनता के बीच जाकर डेंगू का अपडेट लेने की सलाह दी। साथ ही कहा कि, सीएम आवास में बैठकर आंकड़े नहीं पता चलते। आंकड़ें ज्ञात करने के लिए अस्पतालों में जाना आवश्यक है।