कैबिनेट ने लगाई 16 अहम फैसलों पर मुहर
देहरादून। प्रदेश सरकार की राजधानी देहरादून में आयोजित कैबिनेट में आज 16 विषय लाए गए थे, जिसमें से 15 विषयों पर निर्णय लिया गया है।
16 विषयों में से सबसे अहम निर्णय यह रहा कि, भूतपूर्व मुख्यमंत्रियों को दी गई सुविधाएं अब समाप्त कर दी गई हैं। मार्च 2019 के बाद किसी को भी यह सुविधा नहीं दी जाएगी। हालांकि पुराना बकाया भी माफ कर दिया गया है।
इसके अलावा जौली ग्रांट एयरपोर्ट को इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाए जाने का निर्णय लिया गया। प्रदेश सरकार ने एकल आवासीय भवनों में वन टाइम सेटेलमेंट कराने की तारीख 31 दिसंबर 2019 तक पुरानी दरों पर ही करने का फैसला लिया है। जिन्होंने बढी दरों पर पैसा जमा करा दिया है, उनका पैसा वापस कर दिया जाएगा।
बता दें कि, पौड़ी, मसूरी और हरिद्वार विकास प्राधिकरण अपने-अपने जिलों पर ही सीमित रहेंगे। चंपावत जिला विकास प्राधिकरण में पूर्णागिरि क्षेत्र को भी जोड़ा गया है। गंगोत्री विशेष क्षेत्र प्राधिकरण को उत्तरकाशी विकास प्राधिकरण में जोड़ दिया गया है। साथ ही भागीरथी विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अपर सचिव आवास को बनाए जाने का निर्णय लिया गया।
हाल ही में कैंपा के मद में मिले भारी-भरकम बजट के तहत यह फैसला लिया गया है कि, कैंपा योजना का वार्षिक लेखा योजना को सदन के पटल पर रखा जाएगा और होटलों और रेस्टोरेंट को स्टार रेटिंग देने के लिए क्लासिफिकेशन कमेटी बनाई जाएगी।
संविदा के तहत रोजगार गारंटी योजना में छूठ गए 8 पदों पर भी वेतन वृद्धि का लाभ दिए जाने का फैसला लिया गया है। उत्तराखण्ड विशेष अधीनस्थ सेवा नियमावली 2019 में संशोधन करके सीधी भर्ती में इंटरव्यू को समाप्त कर दिया गया व समूह ग वर्ष 2013 की नियमावली में भी संशोधन किया गया है। अब प्रवक्ता पद के लिए आयु सीमा 21 वर्ष से 42 वर्ष तक के बीच होगी।
बावजूद इसके भवन निर्माण बिल्डिंग नियमावली में भी संशोधन किया गया है। कंपलीशन सर्टिफिकेट बनाने की प्रक्रिया आसान कर दी गई, मोटर व्हीकल एक्ट में प्रदेश सरकार ने चालान की धनराशि में छूट दे दी है। अब बिना लाइसेंस गाड़ी चलाने पर 2500 की छूट दे दी गई है। पहले यह धनराशि 5000 थी। बिना लाइसेंस वाहन चलाने पर भी अब 10000 की बजाय 5000 का चालान कटेगा और मोबाइल पर बात करते हुए वाहन चलाने पर पहले ढाई हजार रुपए और दूसरी बार 5000 रु का चालान काटा जाएगा।
जबकि बिना परमिट गाड़ी चलाने पर 5000 रु देने होंगे, अभी तक यह धनराशि 10000 तय की गई थी। बिना प्रदूषण सर्टिफिकेट के गाड़ी चलाने पर अब पहली बार ढाई हजार और दूसरी बात 5000 का चालान कटेगा, जबकि केंद्र सरकार ने इसकी दर 10000 रु तय की थी। एंबुलेंस को रास्ता न देने पर अब 10,000 की जगह 5000 का चालान कटेगा।