मुख्यमंत्री ने रिश्तेदार की खातिर ठुकराया मा0 उच्चतम न्यायालय फरमान
-उत्तराखण्ड तकनीकी विश्वविद्यालय में तैनात कुलसचिव का है मामला…..
– आखिर सीएम की रिश्तेदार को क्यों नहीं किया गया बर्खास्त …..
देहरादून। आज दिनांक-22/08/19 दिन बृहस्पतिवार को विकासनगर स्तिथ जनसंघर्ष मोर्चा कार्यालय में पत्रकारों से वार्ता के दौरान जनसंघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने बताया कि, उत्तराखण्ड तकनीकी विश्वविद्यालय में प्रतिनियुक्ति पर तैनात तकनीकी शिक्षामन्त्री/उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री की रिश्तेदार डाॅ अनिता राणा रावत, जो कि, ऋषिकेश स्नातकोत्तर महाविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर तैनात थी, उनको दिनांक-27/10/2017 को कुलसचिव के पद पर यूटीयू में तैनात कर दिया गया।
– मोर्चा करेगा प्रतिनियुक्ति समाप्त कर कार्यवाही की माँग राजभवन से….
नेगी ने यह भी कहा कि, उक्त हेतु उच्च शिक्षा विभाग (मूल विभाग) ने 12/10/2017 को एक वर्ष हेतु एनओसी जारी कर उल्लेख किया कि, अवधि समाप्त होते ही प्रतिनियुक्ति स्वतः ही समाप्त समझी जाएगी।
वार्ता को जारी रखते हुए नेगी बोले प्रतिनियुक्ति की अवधि 26/10/2018 को समाप्त होने के पश्चात् क्यों उच्च शिक्षा विभाग ने श्रीमती राणा के खिलाफ कार्यवाही नहीं की, तथा एन0ओ0सी0 विस्तारित किये बगैर कैसे पद पर बनाये रखा गया। मोर्चा द्वारा लगातार प्रयास किये जाने के उपरान्त विभाग द्वारा शर्मशार होकर 8 माह बाद 28/06/2019 को एनओसी विस्तारित की गयी।
- अक्टूबर 2018 में समाप्त हो गईं थी प्रतिनियुक्ति ….
नेगी ने कहा कि, अति महत्वपूर्ण यह है कि मा0 उच्चतम न्यायालय द्वारा 25/09/2018 को एक आदेश के तहत विभाग को तीन माह के भीतर नियमावली गठित करने के निर्देश दिये थे। जिसके क्रम में 17/12/2018 को नियमावली गठित की गयी।
चौंका देने वाली बात यह है कि, शासन द्वारा नियमावली गठित होने व एक वर्ष की अवधि, जो पहले घटित होगी, तब तक प्रतिनियुक्ति कायम रह सकती थी, का उल्लेख किया गया था। लेकिन दिसम्बर 2018 में नियमावली गठित होने के आठ माह बाद भी प्रतिनियुक्ति का क्या औचित्य है ! यानि यह एक तरह से मा0 उच्चतम न्यायालय की अवमानना है।
नेगी ने कहा कि सी0एम0 ने अपनों की खातिर नियमों को तार-तार कर प्रतिनियुक्ति प्रदान की गयी। जबकि कुल सचिव हेतु बीटेक एवं 5 वर्ष का प्रशासनिक अनुभव लाजिमी है। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा प्रतिनियुक्ति पर भी आपत्ति जतायी गयी थी कि विभाग में 109 पदों के सापेक्ष मात्र 62 प्रवक्ता कार्यरत हैं, यानि प्रवक्ताओं की कमी है। मोर्चा राजभवन से प्रतिनियुक्ति समाप्त कर कार्यवाही की माँग करेगा।
पत्रकार वार्ता मेंः- जनसंघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी,जिला अध्यक्ष डॉ. ओ.पी.पंवार, दिलबाग सिंह, सुशील भारद्वाज, अशोक गर्ग, स्वराज चौहान आदि मौजूद थे।