कुंभ मेला: परी अखाड़े ने मेला प्रशासन और अखाड़ा परिषद अध्यक्ष के खिलाफ खोला मोर्चा। लगाए पक्षपात के आरोप

परी अखाड़े ने मेला प्रशासन और अखाड़ा परिषद अध्यक्ष के खिलाफ खोला मोर्चा। लगाए पक्षपात के आरोप

रिपोर्ट- वंदना गुप्ता
हरिद्वार। परी अखाड़े की प्रमुख साध्वी त्रिकाल भवंता ने कुम्भ मेला प्रशासन पर आरोप लगाया कि, महिला संतो के लिए मेला प्रसाशन ने अभी तक कोई इंतेजाम नही किया है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि, केवल कुछ खास प्रभावशाली संतो को प्रशासन हर तरह की सुविधाएं दे रहा है। उन्होंने अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी से अपनी जान का भी खतरा जताया। साध्वी त्रिकाल भवंता ने मुख्यमंत्री पर भी सवाल खड़े करते हुए कहा कि, सरकार भी पक्षपातपूर्ण रवैया अपना रही है और उनका लगातार संतो व मेला प्रसाशन द्वारा अपमान किया जा रहा है। उन्होंने मांग की है कि, सरकार और मेला प्रशासन महिला संतो के लिए कुम्भ क्षेत्र में स्थान उपलब्ध कराए और हरकी पैड़ी पर महिला संतो के लिए अलग स्नान की व्यवस्था की जाए।

कुम्भ मेले में एक बार फिर परी अखाड़े ने मेला प्रशासन और अखाड़ा परिषद अध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। परी अखाड़े की अध्यक्ष साध्वी त्रिकाल भवंता ने मेला प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि, मेला प्रसाशन लगातार उनकी उपेक्षा व अपमान कर रहा है। उन्होंने कहा कि, वह कई बार मेला प्रसाशन और सरकार से अनुरोध कर चुकी है। मगर प्रशासन उनकी ना तो सुन रहा है और ना ही महिला संतो के लिए कुम्भ में व्यवस्थाएं कर रहा है।

उन्होंने आरोप लगाया कि, मेला प्रसाशन और राज्य सरकार अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी के दबाव में काम कर रहा है। कुछ लोग मेरे खिलाफ साजिश रच रहे है और मुझे महंत नरेंद्र गिरी से अपनी जान का खतरा है। शासन-प्रशासन हमें सुरक्षा मुहैया कराए। क्योंकि नरेंद्र गिरी साधु संतों के साथ बैठक कर मुझे अपमानित कर रहेे थे। इसको लेकर में कोर्ट गई थी और कोर्ट से ऑर्डर हुआ है कि, 11 संतो को कोर्ट में पेश होना है। इनका कहना है कि, भारत में महिलाओं को बराबर का अधिकार है। कानून ने हमेशा महिलाओं का साथ दिया है। कानून को ना मानने वाले शासन और प्रशासन है। हम नए मुख्यमंत्री से उम्मीद करते हैं जब वह सभी संतो से मिलने जा रहे हैं तो महिला संतो के पास भी आए और उनकी पीड़ा सुने।

वही साध्वी त्रिकाल भवंता द्वारा अपनी जान का खतरा बताए जाने को लेकर उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार का कहना है कि, यह विषय अभी मेरे संज्ञान में नहीं आया है। जब मेरे सामने यह मामला आएगा तो उस पर विचार किया जाएगा।

बता दें कि, त्रिकाल भवंता शासन-मेला प्रसाशन और अखाड़ा परिषद अध्यक्ष नरेंद्र गिरी पर जमकर बरसी। उन्होंने मेला प्रशासन और राज्य सरकार से मांग करी कि, अगले शाही स्नान में महिला संतो के लिए हर की पौड़ी पर अलग से स्नान की व्यवस्था की जाए और मेला क्षेत्र में मेला प्रशासन उन्हें जगह भी उपलब्ध कराए।