फुवाण गांव के दशरथ मांझी बने गब्बर सिंह। श्रमदान से गांव पहुंचाई सड़क

फुवाण गांव के दशरथ मांझी बने गब्बर सिंह

 

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के गबर सिंह ने फुवाण गांव के लोगों की पहाड़ सी समस्या को अकेले हल कर दिया है। इसमें उन्हें डेढ़ माह का समय लगा। जिस तरह बिहार के दशरथ मांझी ने अपने गांव गहलौर तक सड़क पहुंचाने के लिए पहाड़ को काट डाला था। गबर ने भी यही कर दिखाया है।

उन्होंने भी अकेले अपने दम पर जेसीबी से दो किलोमीटर पहाड़ को काटकर गांव तक सड़क पहुंचा दी है और गांव वालों के लिए फरिश्ता बन गए हैं। इससे पहले लोगों को गांव तक पहुंचने के लिए दो किलोमीटर की पैदल चढ़ाई चढ़नी पड़ती थी।

गांव में गुरुवार को पहला वाहन पहुंचा तो ग्रामीण खुशी से झूम उठे। उन्होंने गबर सिंह को फूल-मालाओं से लाद दिया और कंधों पर उठा लिया। गांव में समारोह आयोजित कर गबर सिंह को सम्मानित भी किया गया।

गांव वालों का कहना है कि, राज्य गठन के बाद क्षेत्र को चार विधायक मिले हैं, लेकिन किसी ने भी गांव के लोगों से किए वायदे को नहीं निभाया। चुनाव निपट जाते हैं और नेता वादा भी भूल जाते हैं। जनप्रतिनिधियों के छलावे से परेशान गांव के युवा गबर सिंह रावत (38) ने गांव तक सड़क पहुंचाने का संकल्प लिया।

विकासखंड के फुवाण गांव के 45 परिवार लंबे समय से गांव को सड़क से जोड़ने की मांग कर रहे थे। आज तक न तो शासन-प्रशासन ने ग्रामीणों की बात सुनी और न ही किसी जनप्रतिनिधि ने। किसी व्यक्ति के बीमार होने पर लोग उसे घोड़े खच्चर और चारपाई के सहारे सड़क तक पहुंचाते थे।

इसी पीड़ा को दूर करने का संकल्प गबर ने लिया था। गबर सिंह ने बगैर सरकारी सहायता के अकेले अपने दम पर दो किलोमीटर पहाड़ काट डाला। अब छोटे वाहन आसानी से गांव तक पहुंच सकते हैं।