कोरोना विस्फोट: कुंभ में श्रद्धालुओं समेत भारी संख्या में साधु-संत भी निकले कोरोना संक्रमित

कुंभ में श्रद्धालुओं समेत भारी संख्या में साधु-संत भी निकले कोरोना संक्रमित

रिपोर्ट- वंदना गुप्ता
हरिद्वार। पूरे देश के साथ ही धर्म नगरी हरिद्वार में भी कोरोना का विस्फोट हो रहा है। धर्म नगरी में महाकुंभ का मेला चल रहा है। इसमें श्रद्धालु, स्थानीय निवासियों के साथ ही भारी संख्या में साधु संत भी कोरोना पॉजिटिव हो रहे हैं। लगातार बढ़ रहे कोरोना पॉजिटिवों की संख्या को देखते हुए निरंजनी और आनंद अखाड़े ने अपने अखाड़े की कुंभ मेला समापन की घोषणा कर दी है। क्योंकि निरंजनी अखाड़े में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी और अखाड़े के सचिव रविद्र पुरी सहित 17 संत कोरोना पॉजिटिव हुए हैं। साधु संतों में बड़ी संख्या में कोरोना पॉजिटिव मिलने से मेला प्रशासन में भी हड़कंप मचा हुआ है।

सीएमओ शंभू कुमार झा का कहना है कि, 1 अप्रैल से 14 अप्रैल तक स्वास्थ्य विभाग के पास जो डाटा है, उसमें पॉजिटिव की संख्या 3,706 है और इस अवधि में 35 के करीब साधु कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे और इसमें एक महामंडलेश्वर जो बैरागी अखाड़ा के श्री पंच निर्वाणी अनी अखाड़े से है, वह मध्य प्रदेश के चित्रकूट से आए थे। यहां कोरोना पॉजिटिव होने पर उन्हें देहरादून के कैलाश हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था, 12 तारीख को वह भर्ती हुए थे, 13 तारीख को उनकी मृत्यु हो गई थी।

कुंभ मेले की अवधि में अभी तक पांच हजार के करीब कोरोना के पॉजिटिव मरीज मिल चुके हैं और इसमें 50 से ज्यादा साधु-संत भी शामिल है। आखिर किस अखाड़े से कितने संत हुए हैं, कोरोना पॉजिटिव देखें एक ग्राफिक के माध्यम से….

● कुंभ मेले में सबसे पहले तीन तारीख को 7 संत कृष्ण धाम आश्रम में कोरोना पॉजिटिव मिले थे।
● 11 अप्रैल को 23,394 जांच में जूना के 2 और निरंजनी के एक संत पॉजिटिव मिले थे।
● 12 अप्रैल को 26,694 जांच में जूना के 6 संत पॉजिटिव मिले थे।
● 13 अप्रैल की 29,825 जांच में जूना के 5 और निरंजनी के 3 संत पॉजिटिव मिले थे।
● 14 अप्रैल को 31,308 लोगो की जांच में जूना के 4 संत, अग्नि, महानिर्वाणी, दिगंबर अनी और आनन्द अखाडे के एक-एक संत पॉजिटिव पाए गए थे।
● 15 अप्रैल को 28,525 जांच में 9 संत पॉजिटिव मिले जिनमें 4 जूना अखाड़ा से, 2 आह्वान अखाड़े से और 3 निरंजनी अखाड़े के संत है।
● 16 अप्रैल निरंजनी अखाड़े के सचिव सहित 17 संत पॉजिटिव हुए है।

बैरागी अखाड़े में एक संत कोरोना पॉजिटिव हुआ है। महामंडलेश्वर कपिल देव जिनकी मौत हुई है। 12 तारीख को कैलाश हॉस्पिटल देहरादून में एडमिट हुए थे और 14 तारीख को उनकी डेथ हो गई थी।

कुंभ मेले में बड़ी संख्या में साधु संतों के भी कोरोना पॉजिटिव होने के बाद स्वास्थ्य विभाग में भी हड़कंप मचा हुआ है और उनके द्वारा अब साधु-संतों की टेस्टिंग की जा रही है। इसको लेकर सीएमओ शंभू कुमार झा का कहना है कि, कई अखाड़ों में हमारे द्वारा कोरोना की टेस्टिंग की जा रही है। हमारे द्वारा 17 तारीख से बड़े पैमाने पर इसको लेकर अभियान भी चलाया जाएगा और ज्यादा से ज्यादा साधु-संतों की कोरोना टेस्टिंग की जाएगी। इसके साथ ही होटल/धर्मशाला के कर्मचारी फ्रंटलाइन वर्कर की कोरोना जांच की जाएगी। जिनके द्वारा कुंभ में काम किया गया है। साथ ही स्थानीय निवासियों की भी काफी संख्या में जांच की जाएगी।

सीएमओ शंभू कुमार झा का कहना है कि, कुंभ के बड़े शाही स्नान समाप्त हो गए हैं। मगर 27 अप्रैल को कुंभ का एक बड़ा स्नान होना है। निरंजनी और आनंद अखाड़े द्वारा घोषणा की गई है कि, उनके द्वारा शाही स्नान नहीं किया जाएगा और उनका कुंभ समाप्त हो गया है। हमें उम्मीद है और अखाड़े भी इसी तरह से घोषणा करेंगे। 27 अप्रैल के स्नान को देखते हुए हमारे द्वारा पूरी तैयारी की जा रही है। हमें उम्मीद है कि, उसमें काफी कम भीड़ होगी, अगर ज्यादा भीड़ होती है तो हमारे द्वारा कोरोना भारी संख्या में टेस्टिंग की जाएगी। उसमें श्रद्धालु पॉजिटिव आते हैं तो हमारे पास 10 हजार से ज्यादा बेड की व्यवस्था है और हमारे पास हॉस्पिटल की भी व्यवस्था है। प्राइवेट हॉस्पिटल से भी हमारा अनुबंध हुआ है। साथ ही हमारे पास कोरोना की वैक्सीन भी पर्याप्त मात्रा में है, कल भी 21 हजार से ज्यादा कोरोना की वैक्सिंग हमें मिली है। अभी तक ऐसा नहीं हुआ है कि, कोरोना की वैक्सिंग खत्म हुई हो हमारे द्वारा काफी संख्या में लोगों को वैक्सिंग लगाई जा रही है।

महाकुंभ में कोरोना विस्फोट कर रहा है। श्रद्धालु स्थानीय निवासियों के साथ काफी संख्या में साधु संत भी कोरोना पॉजिटिव हो रहे हैं। इसके कारण शासन और मेला प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है। निरंजनी और आनंद अखाड़े द्वारा कुंभ की समाप्ति की घोषणा के बाद बाकी अखाड़ों द्वारा कुंभ की समाप्ति की घोषणा की उम्मीद मेला प्रशासन भी लगाए हुए हैं। मगर ऐसा होता दिखाई नहीं दे रहा है। क्योंकि बैरागी अखाड़े द्वारा निरंजनी अखाड़ा की घोषणा का विरोध किया गया है। अब देखना होगा कि, शासन और मेला प्रशासन लगातार बढ़ रहे कोरोना पॉजिटिवों की संख्या को कम करने के लिए क्या कदम उठाता है।