हरिद्वार में दिखाई दी गढ़वाली लोककला और संस्कृति की झलक। कुंभ में बनेगी आकर्षण का केंद्र

हरिद्वार में दिखाई दी गढ़वाली लोककला और संस्कृति की झलक। कुंभ में बनेगी आकर्षण का केंद्र

रिपोर्ट- वंदना गुप्ता
धर्मनगरी हरिद्वार में आज गढ़वाली लोक कला व संस्कृति की झलक दिखाई दी। प्रेमनगर आश्रम में देवभूमि लोक संस्कृति विरासतीय शोभायात्रा समिति के द्वारा कुम्भ मेले के अवसर पर भगवान बद्रीनाथ और हनुमान जी की पवित्र धर्म ध्वजा की स्थापना की गई और इस कार्यक्रम में महिलाएं गढ़वाली पारंपरिक पोशाक पहने और गढ़वाली वाद्य यंत्र जैसे रणसिंघा, ढोल, दमाऊ, मस्क बीन आदि मुख्य आकर्षण का केंद्र बने।

उत्तराखंड की संस्कृति देश विदेशों में विख्यात है और यहां की पारंपरिक और वेशभूषा भी लोगों को काफी मनमोहक कर लेती है। आज प्रेम नगर आश्रम में देव डोली की धर्म ध्वजा में उत्तराखंड की संस्कृति देखने को मिली। जब महिलाएं उत्तराखंड की पारंपरिक पोशाक में नजर आई और उत्तराखंड के वाद्य यंत्रों ने अलग ही समा बांध दिया।

वाद्य यंत्र बजाने वाले वादक भगत दास का कहना है कि, यह हमारे गढ़वाल की संस्कृति है रणसिंघा, ढोल, दमाऊ, मस्क बीन गढ़वाल के वाद्य यंत्र है और इसको हमारे द्वारा बजाया जाता है। लोग इसको सुनकर मंत्रमुग्ध हो जाते हैं।

उत्तराखंड के वाद्य यंत्र और यहां की पारंपरिक पोशाक देश विदेश में काफी प्रचलित है और इस कुंभ में उत्तराखंड की अलग ही छटा देखने को मिलेगी। जब उत्तराखंड के वाद्य यंत्रों की धुनों पर बाहर से आने वाले श्रद्धालु भी नाचने को मजबूर हो जाएंगे और यहां की पारंपरिक पोशाक लोगों को मंत्रमुग्ध कर देगी।